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56 साल की अनूठी परंपरा: पेंच के बालाजी मंदिर में 21 टन सब्ज़ी से बनेगा अन्नकूट 56 भोग
By Lokjeewan Daily - 15-10-2025

-  100 कारीगर 22 घंटे में तैयार करेंगे भोग
- हनुमान जी के सम्मुख श्रीनाथजी की परंपरा
- गिरिराज स्वरूप में धराया जाएगा नैवेध्य
भीलवाड़ा लोकजीवन (लोकेश सोनी)। धर्म, आस्था और लोक संस्कृति के रंग में रंगा भीलवाड़ा जिला इस बार अपने अनूठे अन्नकूट महोत्सव को भव्यतम रूप देने की तैयारी में जुट गया है। दीपावली के अगले दिन, यानी 22 अक्टूबर  बुधवार को बालाजी मार्केट स्थित सुप्रसिद्ध पेंच के बालाजी मंदिर में आयोजित होने वाले 56वें अन्नकूट महोत्सव की तैयारियां जोरों पर हैं। मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष अनिल कुमार मानसिंहका एवं जगदीश चंद्र मानसिंहका के निर्देशन में यह महाआयोजन किया जा रहा है, जिसकी नींव में 56 वर्षों की अटूट परंपरा और भक्तों की अदम्य आस्था निहित है। मंदिर के महंत पंडित आशुतोष शर्मा ने बताया कि इस वर्ष अन्नकूट को ऐतिहासिक बनाने के लिए विशेष तैयारियां की जा रही हैं। यह महोत्सव न केवल अपनी भव्यता, बल्कि अपनी पारंपरिक शुचिता के लिए भी जाना जाता है। अन्नकूट महोत्सव का महाप्रसाद निर्माण पूरी तरह से पारंपरिक तरीके से होगा। प्रसाद के निर्माण के लिए पीली मिट्टी और गोबर से विशेष भट्टियां निर्मित की गई हैं, जिनमें लकड़ी जलाकर विशालकाय बर्तनों में प्रसाद पकाया जाएगा। यह विधि सदियों पुरानी परंपरा को दर्शाती है और प्रसाद की पवित्रता सुनिश्चित करती है।
रात 12 बजे शुरू होगा महाप्रसाद निर्माण
महंत शर्मा ने बताया कि महाप्रसाद निर्माण कार्य दीपावली की मध्यरात्रि 12.15 बजे आरंभ होगा और अगले दिन रात्रि 10  बजे तक चलेगा। इस कार्य में हलवाइयों और सब्जी काटने वाले लगभग 100 व्यक्तियों की टीम जुटेगी। अनुमान के अनुसार, इस वर्ष लगभग 21,000 किलो (21 टन) सब्ज़ी, 30 कट्टे चावल और 15 कट्टे चवलों का प्रसाद निर्मित किया जाएगा। मिठाइयां और अन्य पूरक सामग्री बाजार से उपलब्ध कराई जाएगी। अन्नकूट के अवसर पर मंदिर में विशेष सजावट होगी। भक्तों को श्री हनुमान जी के स्वर्ण चोला दर्शन होंगे, जबकि श्री राम दरबार का भी आकर्षक श्रंगार किया जाएगा। इस दिन छप्पन भोग अर्पण किया जाएगा। यह आयोजन वल्लभ संप्रदाय की प्रधान पीठ श्रीनाथजी की तर्ज़ पर होगा, जहां हनुमान जी महाराज के सम्मुख गिरिराज स्वरूप में चावल और चवलों का नैवेध्य (पर्वत रूपी भोग) धराया जाएगा, जो भक्तों के लिए एक अलौकिक दृश्य होगा।
वल्लभ संप्रदाय की तर्ज़ पर गिरिराज स्वरूप नैवेध्य

सायं 6 बजे महाआरती के बाद भक्तों में कतारबद्ध तरीके से प्रसाद वितरण आरंभ होगा। आयोजकों ने अनुमानित अपार भीड़ को देखते हुए व्यवस्था और सहयोग के लिए पुलिस प्रशासन से भी सहयोग मांगा है। महाप्रसाद के लिए सभी सब्जियां भीलवाड़ा मंडी और आसपास के गांवों से मंगाई जाएंगी, जो स्थानीय किसानों के लिए भी एक बड़ा आर्थिक सहयोग है। बालाजी मार्केट एसोसिएशन द्वारा मंदिर के साथ ही पूरे बाजार में भव्य विद्युत सज्जा कराई जा रही है, जिससे पूरा क्षेत्र दीपावली के बाद भी जगमगाता रहेगा। इस महाआयोजन में लगभग 21,000 किलो (21 टन) सब्जियोंं का उपयोग होगा, साथ ही 30 कट्टे चावल और 15 कट्टे चवलों का प्रसाद निर्मित होगा। निर्माण कार्य दीपावली की रात्रि 12:15 बजे से आरंभ होकर अगले दिन रात्रि 10 बजे तक, यानी करीब 22 घंटों तक चलेगा, जिसमें लगभग 100 हलवाइयों और सेवादारों की टीम लगातार काम करेगी।
सुरक्षा और व्यवस्था के इंतज़ाम
आयोजन में अपार भीड़ की संभावना को देखते हुए मंदिर ट्रस्ट ने पुख्ता इंतज़ाम किए हैं। भक्तों को कतारबद्ध प्रसाद वितरण करने की व्यवस्था की गई है, ताकि किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो। इसके लिए भीलवाड़ा पुलिस प्रशासन से भी सहयोग मांगा गया है।

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