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आज छठी मैया की पूजा: डूबते सूर्य को व्रती देंगे अघ्र्य
By Lokjeewan Daily - 27-10-2025

-  कल उगते सूर्य को दिया जाएगा अघ्र्य
-  मानसरोवर झील पर उमड़़ेेेंगे श्रद्धाल
भीलवाड़ा।  लोक आस्था के महापर्व, सूर्य उपासना और छठी मैया की आराधना केचार दिवसीय पर्व  छठ पूजा के  नहाय-खाय के साथ आरंभ  होने के बाद सोमवार शाम श्रद्धा, आस्था और स्व‘छता के साथ व्रती महिलाएं  डूबते हुए सूर्य को अघ्र्य देकर संतान की लंबी आयु और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करेंगी। छठ महापर्व के तीसरे दिन आज कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथि को अस्ताचलगामी सूर्य को अघ्र्य देने का विधान है। इसके लिए व्रती महिलाएं &6 घंटे का कठिन निर्जला व्रत रखती हैं। मानसरोवर और वभिन्न घाटों पर श्रद्धालु सूर्य को अघ्र्य देने के लिए जुटेंगे। अघ्र्य के लिए बांस के सूप में ठेकुआ, गन्ना, फल और अन्य पारंपरिक पूजा सामग्री सजाई जाएगी।
महापर्व का समापन मंगलवार को उगते हुए सूर्य को अघ्र्य देने के साथ होगा, जिसे  ऊषा अघ्र्य कहा जाता है। इसके बाद व्रती महिलाएं पारण (व्रत खोलना) करेंगी। भीलवाड़ा में छठ पूजा का मुख्य आयोजन मानसरोवर झील परिसर में हो रहा है, जहां पूर्वांचल जनचेतना सेवा समिति के तत्वावधान में भव्य आयोजन की तैयारियां की गई हैं। समिति के अध्यक्ष, सदस्यों और कार्यकर्ताओं ने घाटों पर समुचित व्यवस्थाएं की हैं। सुरक्षा, स्व‘छता और प्रकाश व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया गया है। इस दौरान भक्तिमय और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं। यह पर्व प्रकृति के प्रति सम्मान और पवित्रता के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। गौरतलब है कि यह व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है, जिसमें व्रती महिलाएं 36 घंटे तक निर्जला उपवास रखती हैं। उनका यह कठोर व्रत छठ मैया और भगवान सूर्य के प्रति उनकी अटूट श्रद्धा को दर्शाता है। यह महापर्व सामाजिक समरसता और एकजुटता का भी संदेश देता है।

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