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आंवला नवमी पर महिलाओं ने की108 परिक्रमा, दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश
By Lokjeewan Daily - 01-11-2025

भीलवाड़ा। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पुण्यदायी आंवला नवमी (अक्षय नवमी) के पावन अवसर पर  भीलवाड़ा स्थित हरि सेवा धाम उदासीन सनातन मंदिर में भक्तिपूर्ण पूजन और सनातन हिंदू धर्म की मान्यताओं का अद्भुत संगम देखने को मिला। इस अवसर पर क्षेत्र की बड़ी संख्या में महिलाओं ने मंदिर परिसर में स्थापित कल्पवृक्ष और आंवला वृक्ष की श्रद्धापूर्वक पूजा-अर्चना और परिक्रमा की। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आंवला नवमी के दिन किए गए दान-पुण्य, पूजा और व्रत का फल अक्षय (कभी न खत्म होने वाला) होता है। साथ ही यह भी माना जाता है कि इसी दिन भगवान विष्णु ने आँवले के वृक्ष में वास किया था। पुराणों के अनुसार, आँवला वृक्ष को कल्पवृक्ष के समान फलदायी माना गया है, जिसमें समस्त देवी-देवताओं का निवास होता है।
108 परिक्रमा और अक्षय फल की कामना
महिलाओं ने अपने परिवार की सुख-समृद्धि, पति के अखंड सौभाग्य और खुशहाली की कामना से वृक्ष के चारों ओर 108 परिक्रमाएं लगाईं और वृक्ष को रक्षा सूत्र बांधा। इस दौरान पारंपरिक भजन-कीर्तन और मंत्रोच्चार से पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा। पूजन के बाद महिलाओं ने आँवला वृक्ष के नीचे बैठकर कथा श्रवण किया और प्रसाद ग्रहण कर अपने व्रत का पारण किया। हरि सेवा धाम में आयोजित इस कार्यक्रम ने भीलवाड़ा की जनता को धर्म के साथ-साथ प्रकृति के महत्व से भी गहराई से जोड़ा और पर्यावरण संरक्षण का सशक्त संदेश दिया।

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