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Update Google Chromeब्रेकिंग न्यूज़
- मोबाइल या ईमेल पर सीधे मिलेगी जानकारी
- देशभर में सिस्टम लागू, डिफॉल्टरों पर लगाम
भीलवाड़ा। केंद्र सरकार के परिवहन मंत्रालय ने अब देश भर में डिजिटल नोटिस सिस्टम लागू कर दिया है। इसके तहत, चालान, टैक्स, फिटनेस, इंश्योरेंस या प्रदूषण प्रमाण पत्र से जुड़ी सभी जानकारी अब सीधे वाहन मालिक के मोबाइल, या ईमेल पर भेजी जाएगी। नई प्रणाली के तहत, वाहन मालिक को फिटनेस, टैक्स, इंश्योरेंस या प्रदूषण प्रमाण पत्र की अवधि खत्म होने से पहले ही सूचना मिल जाएगी, जिससे कागजी प्रक्रिया का झंझट खत्म होगा। सडक़ पर चल रहे फिटनेस एक्सपायरी या टैक्स बकाया वाहनों पर तुरंत कार्रवाई हो सकेगी। परिवहन विभाग का मानना है कि इस व्यवस्था से टैक्स डिफॉल्टरों की संख्या में कमी आएगी और जवाबदेही मजबूत होगी। देश भर में लगभग 1.76 करोड़ वाहन टैक्स डिफॉल्टर हैं। परिवहन मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि यदि निर्धारित समय के बाद कोई नोटिस भेजा गया, तो उसे प्राप्त मान लिया जाएगा, चाहे मालिक ने उसे पढ़ा हो या नहीं। राजस्थान परिवहन विभाग ने भी अधिसूचना जारी कर वाहन मालिकों को एक माह की अवधि दी है ताकि वे वाहन पोर्टल पर अपना मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी अपडेट कर सकें।
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डिजिटल युग की नई ठगी, व्हाटसएप पर फर्जी चालान भेजकर लोगों को फंसा रहे साइबर ठग
- जुर्मान राशि लिखकर भेजा जा रहा नकली लिंक
- ठग खुद को बता रहे परिवहन विभाग का अधिकारी
भीलवाड़ा। डिजिटल युग में ठगी के नए-नए हथकंडे सामने आ रहे हैं। साइबर ठगी का ताजा तरीका व्हाट्सऐप पर फर्जी ट्रैफिक चालान भेजकर लोगों को जाल में फंसाने का है। कई यूजर्स ने शिकायतें दर्ज कराई हैं कि उन्हें व्हाट्सऐप पर चालान भरने के नाम पर ठगा जा रहा है। ठग खुद परिवहन या यातायात विभाग का अधिकारी बताकर लोगों को नकली चालान भेज रहे हैं। एक संदेश में लिखा होता है आपने रेड लाइट पार की है, 1000 रुपये का जुर्माना तुरंत भरें,साथ ही एक चालान नंबर और लिंक दिया जाता है। जैसे ही कोई व्यक्ति उस लिंक पर क्लिक करता है, वह फिशिंग साइट या मैलवेयर डाउनलोड पेज पर पहुंच जाता है, जिससे उसका मोबाइल डेटा और बैंक डिटेल्स खतरे में पड़ जाती हैं।
विशेषज्ञों की सलाह और चेतावनी
साइबर विशेषज्ञ बताते हैं कि ठग लोगों के भीतर कानूनी कार्रवाई के डर का फायदा उठा रहे हैं। वास्तविकता यह है कि सरकारी विभाग कभी भी व्हाट्सऐप पर चालान नहीं भेजता। असली चालान की जानकारी केवल आधिकारिक वेबसाइट या ऐप और एसएमएस से दी जाती है। इन फर्जी अकाउंट्स की प्रोफाइल तस्वीर में अक्सर किसी भगवान या धार्मिक प्रतीक की फोटो लगी होती है, जबकि कोई भी सरकारी विभाग ऐसा नहीं करता। किसी भी संदिग्ध लिंक या ऐप पर क्लिक न करें। चालान की पुष्टि केवल सरकारी वेबसाइट या ऐप से करें और ऐसे नंबरों को तुरंत रिपोर्ट और ब्लॉक करें
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