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कोडलाई और सालरिया के ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, मतदान का बहिष्कार करने की चेतावनी
By Lokjeewan Daily - 25-11-2025

- पहलुओं से घिरे पंचायत पुनर्गठन
भीलवाड़ा। राज्य सरकार द्वारा पंचायतों के पुनर्गठन को लेकर भीलवाड़ा जिले के दो अलग-अलग गांवों के निवासियों ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है। ग्राम पंचायत मुख्यालय को लेकर नियम विरुद्ध फैसले का आरोप लगाते हुए, ग्राम कोडलाई के निवासियों ने सुल्तानगढ़ के बजाय कोडलाई को पंचायत मुख्यालय बनाने की मांग की है, जबकि ग्राम सालरिया के निवासियों ने उन्हें नवसृजित पंचायत मंडपिया में ही रखने की गुहार लगाई है। दोनों ही मामलों में ग्रामीणों ने अपनी मांगों पर ध्यान न दिए जाने पर आगामी चुनावों में मतदान का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है। नेड़ा तहसील के ग्राम कोठलाई के निवासियों ने जिला कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में कहा है कि पहले कोठलाई को पंचायत मुख्यालय बनाया गया था, लेकिन बाद में कार्यालय जिला कलेक्टर के आदेश पर इसे बदलकर सुल्तानगढ़ कर दिया गया, जो कि नियमों के विरुद्ध है।  ग्रामीणों का तर्क है कि कोडलाई गांव सुल्तानगढ़ से सबसे बड़ा है और स्टेट हाईवे के नजदीक होने के कारण अन्य गांवों के लिए आवागमन में अधिक सुलभ है। पंचायत के राजकीय भवन हेतु कोठलाई में पर्याप्त मात्रा में मिलानाम जमीन आरक्षित है। ज्ञापन में कहा गया है कि सुल्तानगढ़ गांव पहाडिय़ों के किनारे बसा है, जिससे नेटवर्क और आवागमन में परेशानी है और जनसंख्या भी कोठलाई से कम है। 2011 की जनगणना के अनुसार, कोठलाई की जनसंख्या 1237 है, जबकि सुल्तानगढ़ की 1020 और खारोलिया खेड़ा की 830 है। ग्रामीणों ने स्पष्ट किया है कि यदि कोडलाई को पंचायत मुख्यालय नहीं बनाया गया, तो वे अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करेंगे और आने वाले चुनावों में मतदान का बहिष्कार करेंगे।
सालरिया का मुद्दा, 4 किमी दूर भोली पंचायत में जोडऩे पर आपत्ति
सालरिया के निवासियों ने राज्यपाल और प्रशासन को भेजे ज्ञापन में कहा है कि उनका गांव पूर्व में ग्राम मुख्यालय के निकट था, लेकिन वर्तमान पुनर्गठन में उन्हें 4 किलोमीटर दूर स्थित भोली पंचायत में जोड़ दिया गया है, जो गलत है। ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत संबंधी किसी भी काम के लिए उन्हें 4 किमी दूर जाना पड़ेगा, और बरसात के दिनों में यह दूरी और अधिक समस्या पैदा करेगी। भोली पंचायत में जोडऩे से पूर्व में मंडपिया में रहे उनके वार्ड संख्या 6 के मतदाता भी दो हिस्सों में बंट गए हैं।
?मांग: उनकी मांग है कि ग्राम सालरिया को भोली में न रखकर नवसृजित ग्राम पंचायत मंडपिया में ही रखा जाए। उनका गांव सालरिया से नवसृजित ग्राम पंचायत मंडपिया से केवल 1 किलोमीटर की दूरी पर है।  ग्रामीणों ने इस फैसले को ग्रामीणों पर भारी रोष उत्पन्न करने वाला बताया है। ज्ञापन में कहा गया है कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वे कलेक्टर पर प्रदर्शन करेंगे और आगामी चुनावों में वोट का बहिष्कार करेंगे।इन दोनों ही मामलों में ग्रामीणों ने प्रशासन और सरकार से परिस्थितियों को देखते हुए जिम्मेदार कार्रवाई करने की अपील की है।
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