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हिंदू परंपराओं का जीवंत मेल, गो पूजन कर 51 कन्याओं को कराया भोजन
By Lokjeewan Daily - 27-11-2025


- विवाह में 101 पौधों से की  सजावट
- गौशाला में सहयोग का लिया संकल्प
भीलवाड़ा। आधुनिक दौर की चकाचौंध से हटकर माली समाज के रागशिया परिवार ने  एक ऐसा संस्कारप्रधान विवाह समारोह आयोजित किया, जिसने सभी का ध्यान आकर्षित किया। माली समाज के नोहरे में आयोजित तेजपाल रागशिया के विवाह में परंपरा, संस्कृति और सामाजिक संदेशों का समावेश अनूठे ढंग से किया गया। समारोह की शुरुआत गौ पूजन से हुई। वर-वधू ने विधि-विधान से गौ माता का पूजन किया। महंत बनवारी शरण काठिया बाबा ने नवदंपत्ति को आशीर्वाद देते हुए गौ पूजन संपन्न कराया। आचार्य धर्मेश व्यास और उनकी टीम ने पूर्ण विधियों के साथ पूजन करवाया। इसके बाद गौ माता को लापसी का भोग लगाया गया। विवाह उत्सव की भोजन परंपरा भी विशेष रही। सामाजिक भावना को प्राथमिकता देते हुए 51 बालिकाओं को भोजन कराकर स्नेहभोज की शुरुआत की गई। अयोध्या में रामलला की धर्मध्वजा फहरने की खुशी को विवाह में भी जोड़ा गया। प्रवेश द्वार पर रामलला की प्रतिमा स्थापित की गई, जहाँ से दर्शन के बाद ही मेहमानों ने भोजन ग्रहण किया। अतिथियों का स्वागत परंपरागत रीति से जगदीश जी, बाली देवी, तुलसीराम जी और लाड़देवी ने किया। पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के लिए 101 पौधों से विवाह स्थल को हरियाली से सजाया गया। वर-वधू की बहनों राधा, पूजा, गायत्री और संतोष ने स्वयं विभिन्न पौधे लगाए, जिसने समारोह की सुंदरता को नई ऊंचाई दी। पूरे आयोजन में केवल असली पौधों का उपयोग किया गया। समारोह में संतों, समाजसेवियों, जनप्रतिनिधियों और विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों ने उपस्थित होकर नवदंपत्ति को आशीर्वाद दिया। गोविंद और चेतन माली ने बताया कि विवाह अवसर पर गौशाला के लिए दवाइयां और दलिया भेजने का संकल्प लिया गया है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन समाज में यह प्रेरणा देते हैं कि विवाह जैसे महत्वपूर्ण अवसरों पर परंपराएं  शामिल हों तो कार्यक्रम और भी पावन और प्रेरणादायी बन जाता है।

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