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भीलवाड़ा लोकजीवन। दिसंबर में कुछ ही दिन शेष रहने के बाद अब मांगलिक कार्यों पर एक महीने से अधिक का विराम लगने जा रहा है। 5 दिसंबर के बाद कोई शुभ मुहूर्त नहीं बचेगा और इसके बाद सीधे अगले साल फरवरी में ही शहनाइयंँ बजेंगी। ज्योतिष गणनाओं के आधार पर शुक्रअस्त और खरमास की अवधि शुरू होने के कारण विवाह, गृह प्रवेश और अन्य मांगलिक कार्य वर्जित रहेंगे। इस वर्ष देव उठनी एकादशी से शुरू हुआ वैवाहिक सीजन अब अपने अंतिम चरण में है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस साल के अंतिम शुभ मुहूर्त नवंबर में 29 और 30 तारीख, तथा दिसंबर में 1, 4 और 5 तारीख हैं। जैसे ही ये तारीखें समाप्त होंगी, इसके तत्काल बाद शुक्र ग्रह अस्त हो जाएगा और सूर्य देव के धनु राशि में प्रवेश के साथ खरमास शुरू हो जाएगा। यह खरमास करीब 15 दिसंबर से शुरू होकर 14 जनवरी तक चलेगा। मान्यताओं के अनुसार, इस अवधि में सूर्य और बृहस्पति की कृपा मांगलिक कार्यों पर नहीं रहती, जिसके कारण विवाह, मुंडन और गृह प्रवेश जैसे कार्य वर्जित माने जाते हैं। इस वजह से दिसंबर के बाद पूरा जनवरी महीना बिना विवाह के गुजरेगा। हालांकि, साल 2025 में विवाह के लिए एक बार फिर से अच्छे अवसर मिलेंगे। फरवरी में शुभ मुहूर्त शुरू होंगे और इसके बाद मार्च, अप्रैल, मई, जून और जुलाई में भी कई शुभ समय उपलब्ध रहेंगे। वर्ष 2025 में कुल 75 विवाह मुहूर्त रहेंगे, जो बीते वर्षों की तुलना में बेहतर हैं, जबकि वर्ष 2026 में 59 शुभ मुहूर्त मिलने वाले हैं।
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