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हाथों में पौधे और अरावली बचाओ के पोस्टर, सडक़ों पर उमड़ा जनसैलाब
By Lokjeewan Daily - 23-12-2025

 अवैध खनन के खिलाफ आर-पार की जंग
- सूचना केन्द्र से कलेक्ट्रेट तक निकाली रैली
भीलवाड़ा। हाथों में हरे-भरे पौधे, 'अरावली बचाओ-भविष्य बचाओ और आवाज उठी है गली-गली, अरावली बचाओ लिखे पोस्टरों के साथ जब हजारों लोग सडक़ पर उतरे, तो नजारा देखते ही बना। अरावली के अस्तित्व पर मंडराते खतरों के खिलाफ 'अरावली बचाओ संघर्ष समिति' के आह्वान पर भीलवाड़ा में सर्वसमाज ने एकजुट होकर हुंकार भरी। सूचना केंद्र से कलेक्ट्रेट तक निकाली गई इस विशाल रैली में हर हाथ में पर्यावरण के संरक्षण का संकल्प दिखाई दिया। मंगलवार को आयोजित इस रैली में वस्त्रनगरी के सामाजिक सद्भाव का अनूठा उदाहरण देखने को मिला। रैली में जाट, ब्राह्मण, राजपूत, गुर्जर, माली-सैनी, तेली, खटीक, मेघवाल, भील, जैन, माहेश्वरी, मुस्लिम, सिख और ईसाई समुदाय के लोग कंधे से कंधा मिलाकर चले। व्यापारिक संगठनों, किसान यूनियनों और महिला संगठनों की उपस्थिति ने इसे एक जन-आंदोलन का रूप दे दिया। अवैध खनन और परिभाषा बदलने पर रोष संघर्ष समिति के प्रतिनिधि नारायण भदाला ने कहा कि अरावली पर्वतमाला हमारे जल स्रोतों और पर्यावरण की रीढ़ है। सरकार द्वारा इसकी परिभाषा में संभावित बदलाव और लगातार हो रहे अवैध खनन से इस पर्वत श्रृंखला का वजूद खतरे में है। रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि अरावली के सीने को छलनी करना बंद नहीं किया गया, तो यह विरोध आने वाले समय में और उग्र होगा।
कलेक्ट्रेट पर गूंजे नारे, सौंपा ज्ञापन
सूचना केंद्र से शुरू हुई यह रैली कलेक्ट्रेट पहुंचकर एक बड़ी सभा में तब्दील हो गई। यहां प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई कि अरावली में हो रहे अवैध खनन पर तत्काल पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए और इसके मूल स्वरूप से कोई छेड़छाड़ न की जाए। रैली में शामिल पर्यावरण प्रेमियों और गौशाला परिवारों ने 'अरावली है तो हम हैं' के नारों से पूरे कलेक्ट्रेट परिसर को गुंजायमान कर दिया। 

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