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36 साल पुराने 'सती' महिमामंडन मामले में आठ अभियुक्त बरी
By Lokjeewan Daily - 10-10-2024

जयपुर। 36 साल पहले सीकर जिले के दिवराला गांव में सती हुई रूप कंवर के महिमामंडन से जुड़े बहुचर्चित मामले में बुधवार को जयपुर की सती निवारण स्पेशल कोर्ट ने आठ अभियुक्तों को बरी कर दिया। कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपों को संदेह से परे साबित करने में असफल रहा है।

प्रकरण के मुताबिक साल 1987 में अठारह वर्षीय रूप कंवर ने पति की मृत्यु के बाद चिता पर जलकर 'सती' हो जाने की घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। इसके एक साल बाद, 1988 में पुलिस ने 45 लोगों के खिलाफ सती निवारण अधिनियम, 1987 की धारा 5 (महिमामंडन) के तहत आरोप लगाया था कि उन्होंने एक जुलूस के माध्यम से इस घटना का महिमामंडन किया।
हालांकि, 2004 में कोर्ट ने इनमें से 25 अभियुक्तों को बरी कर दिया था, जबकि चार की मौत हो गई थी और सोलह अभियुक्त फरार घोषित किए गए थे। समय के साथ कुछ अभियुक्तों ने सरेंडर किया और अन्य को जमानत मिली, जिसके बाद यह मामला आठ अभियुक्तों के खिलाफ चल रहा था।
अभियुक्तों के वकील, अमनचैन सिंह शेखावत के मुताबिक "कोर्ट ने पाया कि जांच एजेंसी अपने मामले को संदेह से परे सिद्ध करने में विफल रही। इस कारण से सभी अभियुक्तों को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त किया गया है।"
रूप कंवर के भाई 64 वर्षीय गोपाल सिंह ने बीबीसी को बताया कि "रूपा ने स्वेच्छा से सती होने का निर्णय लिया था, और वहां मौजूद दस हजार लोगों के सामने यह घटना घटी। हमारे परिवार ने इसे जबरदस्ती के रूप में नहीं देखा।"
यह मामला पिछले कई दशकों से कानूनी और सामाजिक बहस का विषय बना हुआ है, क्योंकि सती प्रथा को समाप्त करने के लिए देश में सती निवारण अधिनियम जैसे सख्त कानून लाए गए थे।

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