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जयपुर का हिस्सा बने ग्रामीण व दूदू जिला
By Lokjeewan Daily - 29-12-2024

सरकार ने शनिवार काे जयपुर ग्रामीण व दूदू जिले काे वापस जयपुर में मिलाकर एक कर दिया। अब जयपुर ही जिला हाेगा। जयपुर जिला अब 21 तहसील और 16 उपखंड का हो जाएगा। पुराने जयपुर जिले में केवल कोटपूतली काे अलग रखा है। दूदू व जयपुर ग्रामीण जिले काे समाप्त करने से इन पर खर्च होने वाले 3000 हजार कराेड़ रुपए बचत होगी। वहीं 600 कर्मचारियों की जरूरत भी खत्म हो गई। एक जिला बनाने में 32 विभागों के ऑफिस खोलने पड़ते हैं और संसाधन जुटाने पड़ते हैं, जिस पर 1500 करोड़ रुपए खर्च होते हैं। साथ ही 300 कर्मचारियों की जरूरत हाेती है।

दूदू में प्रशासनिक क्षेत्र के एडीएम व एसडीएम और पुलिस प्रशासन में एडिशनल एसपी व सीओ बैठेंगे। प्रदेश में दूदू जिला सबसे छाेटा जिला था, जिसे दूदू, मौजमाबाद व फागी तीन तहसीलाें व इन्हीं तीन थानाें काे मिला कर बनाया था। एक ही कलेक्टर हाेने से इलाके में सरकारी याेजनाओं की मॉनिटरिंग के साथ क्रियान्विति आसानी से हाे पाएगी। वर्तमान में जयपुर कलेक्टर डाॅ. जितेंद्र साेनी के पास ही दूदू व जयपुर ग्रामीण कलेक्टर का कार्यभार था।

नई सरकार ने हटाए थे कलेक्टर व एसपी; तत्कालीन अशाेक गहलाेत सरकार के समय दूदू व जयपुर ग्रामीण में जिलाें की घाेषणा हाेने के साथ जयपुर ग्रामीण में विश्राम मीणा काे व दूदू में अर्तिका शुक्ला काे कलेक्टर लगाया गया था। अर्तिका शुक्ला के बाद हनुमान मल ढाका काे कलेक्टर लगाया था, लेकिन वे एसीबी में ट्रैप हाे गए थे। एसपी दूदू पूजा अवाना काे लगाया था।

नई सरकार बनने के बाद फरवरी 2024 में दाेनाें जिलाें के कलेक्टर-एसपी काे हटाकर जयपुर कलेक्टर काे व एसपी जयपुर ग्रामीण काे कार्यभार साैंप दिया। तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि दाेनाें जिलाें काे समाप्त किया जाएगा। दूदू व जयपुर ग्रामीण जिलाें के दस्तावेजों में काेई बदलाव नहीं किया गया था। जयपुर कलेक्ट्रेट से दाेनाें जिलाें के दस्तावेजों की छंटनी भी नहीं की गई थी।

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