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जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (JLF) में नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने कहा- मुझे जाति के कारण काफी टॉर्चर सहना पड़ा। 'दियासलाई' सेशन में कहा- जातिवादी सोच और ऊंच-नीच के व्यवहार को देखकर मैंने मेरे नाम से शर्मा हटा कर सत्यार्थी लगाया। इससे पहले ज्ञान सीपियां सेशन में जावेद अख्तर ने मातृभाषा को लेकर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि सभी अंग्रेजी मीडियम में बच्चों को पढ़ा रहे हैं। मैं अंग्रेजी की जरूरत से इनकार नहीं कर रहा, लेकिन अगर अपनी मातृभाषा से कट जाएंगे तो यह ठीक नहीं है। वहीं, इस सेशन में साहित्यकार-समाजसेवी सुधा मूर्ति, एक्टर अतुल तिवारी भी थे। इससे पहले गुरुवार सुबह 10 बजे राजस्थानी परंपरा के साथ पांच दिवसीय फेस्टिवल का उद्घाटन हुआ।
जेएलएफ का यह 18वां एडिशन है और इस साल दुनियाभर से इसमें 600 स्पीकर्स शामिल हो रहे हैं। इस साहित्यिक मंच पर कई लेखकों की बुक भी लॉन्च होगी।
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- मुझे जाति के कारण काफी टॉर्चर सहना पड़ा-कैलाश सत्यार्थी . . .
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