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जयपुर में सिटी बसें चलाने को लेकर सरकार के जवाब से पूर्व मंत्री कालीचरण सर्राफ खासे नाराज
By Lokjeewan Daily - 05-02-2025

जयपुर। जयपुर शहर में यातायात जाम की समस्या से निबटने और पब्लिक ट्रांसपोर्ट बढ़ाए जाने के लिए नई सिटी बसें चलाए जाने को लेकर भजनलाल सरकार विधानसभा में 3 बार से एक ही जवाब दे रही है कि मामला प्रक्रियाधीन है। सरकार के इस जवाब से बुधवार को भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री कालीचरण सर्राफ खासे नाराज नजर आए।
प्रश्नकाल के दौरान विधायक कालीचरण सर्राफ ने स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा से जानना चाहा कि उनके उत्तर के मुताबिक शहरी विकास मंत्रालय के मानकों के हिसाब से 10 हजार की आबादी पर 6 बसें यानि 40 लाख से अधिक आबादी पर 2400 बसें चलाए जाने का प्रावधान है। जबकि मंत्री के उत्तर के मुताबिक जयपुर शहर में जेसीटीएसएल द्वारा 27 मार्गों पर 200 बसें ही चलाई जा रही हैं। बाकी बसें कब तक चालू हो पाएंगी।
इस पर स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने जवाब दिया कि उनकी महाराष्ट्र की कंपनी से बात चल रही हैं। यह कंपनी प्रति किलोमीटर किराया दर पर इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसें उपलब्ध कराने को तैयार है। इसमें सरकार को केवल कंडक्टर अपना लगाना है। बाकी सारा खर्चा कंपनी का होगा। उस कंपनी से किराए पर बसें लेकर शहर में चलाए जाने की दिशा में सरकार आगे बढ़ रही है।
मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने अपने जवाब में बताया कि नई पीएम ई बस सेवा के तहत 150 इलेक्ट्रिक बसें राजस्थान को केंद्र सरकार से मिलनी हैं। इसके लिए 2 जनवरी, 2025 को निविदा खोली जा चुकी हैं। इसके परीक्षण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। इसके बाद ही नियमानुसार आगे कार्यवाही की जाएगी। इसी तरह राज्य सरकार के स्तर पर 300 सीएनजी चालित मिडी एसी बसों की निविदा प्रक्रियाधीन है।
जयपुर में चल रहे करीब 87 ई और ऑटो रिक्शा, 2424 मिनी बसेः
स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने सवाल के जवाब में बताया कि जयपुर शहर में 43 मार्गों पर 2424 मिनी बसें, 41913 ऑटो रिक्शा और 45508 ई रिक्शा चल रहे है। इन्हें लेकर विधायक कालीचरण सर्राफ ने ई और ऑटो रिक्शा चालकों की जांच कराए जाने की मांग करते हुए कहा कि इनमें अधिकतर रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिक हैं। इनसे कानून व्यवस्था की स्थिति को खतरा उत्पन्न हो रहा है।

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