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रामगढ़ बांध पर ड्रोन से कृत्रिम बारिश करवाने की तकनीक का ट्रायल DGCA से मंजूरी के बिना अटका
By Lokjeewan Daily - 18-08-2025

रामगढ़ बांध पर ड्रोन से कृत्रिम बारिश करवाने की तकनीक का ट्रायल डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) से मंजूरी के बिना अटका हुआ है। डीजीसीए से 10 हजार फीट तक ड्रोन उड़ाने की मंजूरी दिलाने के लिए कृषि मंत्री डॉ किरोड़ीलाल मीणा ने केंद्रीय सिविल एविएशन मंत्री के राममोहन नायडू से मिलने का वक्त मांगा है।

अब तक 400 फीट तक की हाइट पर ही ड्रोन उड़ाने की अनुमति है। ट्रायल कर रही निजी कंपनी ने 10 हजार फीट तक ड्रोन उड़ाने के लिए डीजीसीए से अनुमति मांग रखी है।

कृषि मंत्री किरोड़ीलाल ने कहा- मैंने 18-19 अगस्त को केंद्रीय सिविल एविएशन मंत्री से मिलने का समय ले लिया है। मैं खुद पहल करके परमिशन ले लूं और हमारा कार्यक्रम सफल हो जाए। 10 हजार से ज्यादा ऊपर ड्रोन उड़ाने की मंजूरी के बाद ही अब ट्रायल होगा।

ड्रोन से कृत्रिम बारिश का ट्रायल करने वाली निजी कंपनी जेनेक्स एआई की टीम पिछले दो सप्ताह से रामगढ़ बांध के इलाके में फील्ड में है। ड्रोन को फिलहाल 400 फीट तक ही उड़ाया जा रहा है। बादलों की ऊंचाई दो हजार से 20 हजार फीट तक होती है। इसके लिए 10 हजार फीट तक की उंचाई पर ड्रोन उड़ाने पर ही बारिश वाले बादलों तक पहुंचा जा सकेगा।

राजस्थान में सितंबर में मानसून विदा हो जाता है, बारिश वाले बादल सितंबर के दूसरे सप्ताह बाद मिलने मुश्किल हैं। ऐसे में इस महीने तक ड्रोन को 10 हजार फीट उड़ाने की अनुमति नहीं मिली तो प्रयोग खतरे में पड़ जाएगा। बाद में बारिश वाले बादल मिलना मुश्किल हो जाएगा। इससे प्रयोग नहीं हो पाएगा। जल्द मंजूरी मिल जाए इसीलिए कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने खुद सिविल एविएशन मंत्री से मिलने का वक्त मांगा है। इस महीने मंजूरी नहीं मिली तो इसके ट्रायल को पूरा वक्त नहीं मिलेगा। कंपनी को मंजूरी के बाद भी कई तरह के प्रयोग करने हैं। ड्रोन से कृत्रिम बारिश के लिए 60 दिन तक प्रयोग चलने हैं।

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