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थैलेसीमिया-एनीमिया के मरीजों का इलाज अब एक जगह होगा
By Lokjeewan Daily - 28-08-2025

खून से जुड़ी बीमारी (थैलेसीमिया और ए​नीमिया) से पीड़ित मरीजों के लिए जरूरी खबर है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की बजट घोषणा को लागू करते हुए एसएमएस हॉस्पिटल में इन मरीजों के लिए डेडिकेटेड ओपीडी (क्लिनिक) शुरू की गई है। ये क्लिनिक धंवन्तरी ओपीडी में चौथी मंजिल पर शुरू की है। यहां हर बुधवार को इस बीमारी के स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की देखरेख में मरीजों की स्क्रीनिंग, जांच और काउंसलिंग शुरू की है। एसएमएस मेडिकल कॉलेज से जारी आदेशों में ये क्लिनिक इम्यूनो हेमेटोलॉजी एवं ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन (IHTM) डिपार्टमेंट के सहयोग से शुरू किया है।

यहां ऐसे मरीजों की स्क्रीनिंग और जांच के बाद उनकी आवश्यक काउंसलिंग की जा सकेगी। उन्होंने बताया, खून की कमी (एनीमिया) और थैलेसीमिया से प्रभावित करीब 10 मरीज एसएमएस हॉस्पिटल में खून चढ़वाने रोजाना आते हैं। जे.के. लोन हॉस्पिटल में भी हर रोज औसतन 15 मरीज आते है।

इस क्लिनिक के शुरू होने से उन मरीजों (जिनके माइनर थैलेसीमिया) को सबसे ज्यादा फायदा होगा जिनके बच्चे होने वाले हैं। ऐसे पति-पत्नी जो इस बीमारी से प्रभावित हैं, उनके होने वाले बच्चों में भी इस बीमारी के होने की आशंका बहुत ज्यादा रहती है। ऐसी स्थिति में शुरूआती जांच करके 12 सप्ताह की गर्भवती महिला को ये बताया जा सकता है कि उसके गर्भ में पल रहे बच्चे में ये बीमारी है या नहीं?

डॉक्टरों के मुताबिक माइनर थैलेसीमिया से करीब 4 फीसदी लोग प्रभावित हैं। इस बीमारी में मरीज को ब्लड ट्रांसफ्यूजन (बार-बार खून चढ़ाने) करने की जरूरत नहीं पड़ती। इन मरीजों को समय पर डिटेक्ट करने पर दवाइयों के जरिए ही स्वस्थ्य रखा जा सकता है।

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