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संजीवनी घोटाले में एसओजी जांच के दौरान सामने आई केंद्रीय मंत्री शेखावत की मिलीभगत- गहलोत

<strong>संजीवनी घोटाले में एसओजी जांच के दौरान सामने आई केंद्रीय मंत्री शेखावत की मिलीभगत- गहलोत</strong>

जयपुर, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को ट्वीट कर एक बार फिर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले का आरोपी बताया। पिछले तीन दिनों में यह दूसरी बार है जब मुख्यमंत्री गहलोत ने केंद्रीय मंत्री शेखावत को संजीवनी घोटाले का जिम्मेदार ठहराया है। इससे पहले, सोमवार (20 फरवरी) को

जयपुर, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को ट्वीट कर एक बार फिर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले का आरोपी बताया। पिछले तीन दिनों में यह दूसरी बार है जब मुख्यमंत्री गहलोत ने केंद्रीय मंत्री शेखावत को संजीवनी घोटाले का जिम्मेदार ठहराया है। इससे पहले, सोमवार (20 फरवरी) को जयपुर में भाजपा प्रदेश कार्यालय में मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री शेखावत ने मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से नकार दिया था। साथ ही उन्होंने कहा था कि गहलोत अपने बेटे की पिछले लोकसभा चुनाव में जोधपुर संसदीय क्षेत्र में हुई हार की खीझ निकालने के लिए उन पर आरोप लगा रहे हैं।

शेखावत ने यह भी कहा था कि स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप और एसीबी  जो काम चार साल में नहीं कर पाई, उसे मुख्यमंत्री ने चार मिनट में ही कर दिया। मुझे अभियुक्त ही घोषित कर दिया। शेखावत ने कहा था कि सीएम गहलोत ने संजीवनी सोसाइटी के निवेशकों को पैसा वापस दिलवाने के लिए क्या किया। क्या गहलोत ने केंद्र का साथ दिया, जिससे जांच सीबीआई के अधीन चली जाती और निवेशकों को उनका पैसे मिलने का रास्ता असान होता। पर मुख्यमंत्री ने ऐसा कुछ भी नहीं किया। 

शेखावत के इस बयान पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने मंगलवार को ट्वीट किया कि एसओजी  की जांच में संजीवनी घोटाले में अन्य गिरफ्तार अभियुक्तों के समान गजेंद्र सिंह शेखावत का जुर्म प्रमाणित हुआ है। शेखावत संजीवनी घोटाला मामले में जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं, जबकि स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप की जांच में अन्य गिरफ्तार किए जा चुके अभियुक्तों के समान धाराओं में ही उनके ऊपर जुर्म प्रमाणित हो चुका है, वो खुद इस बात को अच्छे से जानते हैं।
गहलोत ने कहा कि गजेंद्र सिंह शेखावत जानते हैं कि एक लाख से अधिक पीड़ितों की जिंदगीभर की जमापूंजी के करीब 900 करोड़ रुपये से अधिक की राशि को संजीवनी सोसाइटी ने लूटा है। इस मामले में प्रोपर्टी अटैच करने के अधिकार एसओजी के पास न होकर प्रवर्तन निदेशालय के पास हैं। एसओजी ने पिछले दो वर्षों में ईडी को पांच बार संजीवनी सोसाइटी से जुड़ी प्रोपर्टी अटैच करने का आग्रह किया है, परंतु देशभर में विपक्षी नेताओं के घर छापे मारने वाली ईडी ने अभी तक कार्रवाई कर संजीवनी घोटाले के आरोपियों की प्रोपर्टी तक अटैच नहीं की है।
सीएम गहलोत ने आगे कहा, आप (गजेंद्र सिंह शेखावत) स्वयं केंद्रीय मंत्री हैं, यदि आप बेकसूर हैं तो गरीबों का पैसा वापस दिलवाने के लिए आगे क्यों नहीं आत? सेंट्रल रजिस्ट्रार ने इस मामले में एक लिक्विडेटर नियुक्त किया है, परंतु वो तब ही पीड़ितों का पैसा लौटा पाएगा जब संजीवनी सोसाइटी की प्रोपर्टी अटैच होकर वहां से पैसे की रिकवरी होगी। केंद्र सरकार को इस मामले में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, जिसमें राजस्थान सरकार पूरा सहयोग करेगी।
अगर नैतिक साहस है तो पीड़ितों की बातें सुनें शेखावत…
ट्वीट में साझा किए गए बयान में सीएम गहलोत ने कहा कि संजीवनी घोटाला पीड़ित संघ के लोग करीब छह महीने पहले जयपुर में मुख्यमंत्री निवास और दो दिन पहले जोधपुर सर्किट हाउस में मुझे से मिले थे, उनकी बातें सुनकर मैं भी भावुक हो गया कि किस प्रकार उन्हें झांस में लेकर उनकी मेहनत की जमा पूंजी लूटी गई। कई पीड़ितों के तो करोड़ों रुपये इस घोटाले में डूब गए हैं। मेरे पास सभी पीड़ितों की बातों की वीडियो रिकॉर्डिंग है जिसमें उनका दर्द फूट रहा है। अगर नैतिक साहस है तो गजेंद्र सिंह को उनकी बातें सुननी चाहिए और समझना चाहिए कि उन्होंने कितना बड़ा अपराध किया है। केंद्रीय मंत्री होने के नाते ईडी से अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं करवा पाए, इसका जवाब जनता को देना होगा। राजस्थान सरकार पीड़ितों को इंसाफ सुनिश्चित करने के लिए लगातार ईडी से संपर्क साधेगी।
गहलोत-शेखावत के बीच चार साल से जारी है जंग‘  
मुख्यमंत्री गहलोत के इस ट्वीट से राजस्थान की राजनीति में भूचाल आ सकता है। सोमवार को प्रेस वार्ता में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने यह भी कहा था कि क्या मुख्यमंत्री गहलोत पुलिस को कोई संदेश दे रहे हैं? दोनों दिग्गज नेताओं के बीच पिछले चार साल से यह ‘जंग’ जारी है। राजस्थान में सरकार गिरने के प्रयास में भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीधे रूप से गजेंद्र सिंह शेखावत की भुमिका बताई थी और वॉयस सैंपल की मांग भी की थी, जिसको अदालत ने इस मांग को खारिज कर दिया था। राजस्थान में चुनाव का साल है और मुख्यमंत्री गहलोत अपनी सरकार की वापसी के लिए पुरजोर कोशिश में लगे हुए हैं।  हाल ही में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की सुरक्षा को जेड श्रेणी में बदलने के बाद यह विवाद और बढ़ गया है।

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