It is recommended that you update your browser to the latest browser to view this page.

Please update to continue or install another browser.

Update Google Chrome

गूगल मैप के भरोसे सफर बना मौत का सबब, तीनकी मौत हो गई, मासूम बच्ची लापता
By Lokjeewan Daily - 27-08-2025

भीलवाड़ा लोकजीवन। डिजिटल दुनिया के भरोसे किए गए सफर ने एक परिवार की खुशियों को हमेशा के लिए छीन लिया। गूगल मैप के चक्कर में भीलवाड़ा से लौट रहे राजसमंद के गाडरी परिवार के लिए मंगलवार-बुधवार की दरम्यानी रात काल बनकर आई। बनास नदी की उस पुलिया पर उनकी वैन तेज बहाव में फंसकर गिर गई, जो पिछले तीन साल से बंद थी। इस दर्दनाक हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि एक मासूम बच्ची अभी भी लापता है। यह दिल दहला देने वाला हादसा देर रात करीब 1 बजे राशमी थाना क्षेत्र के सोमी-उपरेड़ा पुलिया पर हुआ। वैन में कुल 9 लोग सवार थे, जिनमें से 5 को तो सुरक्षित बचा लिया गया, लेकिन 2 महिलाओं और एक मासूम बच्ची ने अपनी जान गंवा दी। परिवार के लोग चित्तौडग़ढ़ जिले के कानाखेड़ा गांव के रहने वाले हैं और भीलवाड़ा में सवाई भोज मंदिर के दर्शन करके लौट रहे थे।
जानलेवा बना गूगल मैप का निर्देश
परिवार के सदस्यों ने बताया कि लौटते समय गूगल मैप ने उन्हें सोमी-उपरेड़ा की पुलिया से रास्ता दिखाया। लेकिन उन्हें यह नहीं पता था कि यह पुलिया तीन साल से बंद है। इसी दौरान मातृकुंडिया डैम के गेट खोले जाने के कारण नदी उफान पर थी और पुलिया के ऊपर से पानी बह रहा था। ड्राइवर ने जोखिम उठाया और वैन निकालने की कोशिश की, लेकिन बीच पुलिया में ही गाड़ी फंस गई। तेज बहाव में वैन पलटी और देखते ही देखते नदी में जा गिरी। हादसे के समय 5 लोग किसी तरह वैन की छत पर चढऩे में कामयाब रहे, जिससे उनकी जान बच गई। स्थानीय ग्रामीणों और मछुआरों ने तुरंत नाव से पहुंचकर इन लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। बचाए गए लोगों में मदनलाल, हितेश, लीला, काव्यांश और आयांश शामिल हैं।
तीन की मौत, एक बच्ची की तलाश जारी

थाना अधिकारी देवेंद्र देवल ने बताया कि इस भीषण हादसे में चंदा (21), ममता (25) और 4 साल की बच्ची खुशी की मौत हो चुकी है। बुधवार सुबह उनके शवों को नदी से बाहर निकाला गया। वहीं, 6 साल की रूत्वी अभी भी लापता है, जिसकी तलाश के लिए एनडीआरएफ और सिविल डिफेंस की टीमें लगातार काम कर रही हैं।
प्रशासन की लापरवाही पर उठे गंभीर सवाल
इस हादसे के बाद प्रशासन पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह पुलिया लंबे समय से बंद है और पहले भी यहां कई हादसे हो चुके हैं। इसके बावजूद, प्रशासन ने न तो चेतावनी बोर्ड लगाए और न ही बैरिकेडिंग की। ग्रामीणों का कहना है कि अगर सही सुरक्षा इंतजाम होते तो यह बड़ा हादसा टाला जा सकता था। यह दुखद घटना पूरे राजसमंद और चित्तौडग़ढ़ में चर्चा का विषय बनी हुई है। एक तरफ जहां पूरा परिवार गम में डूबा है, वहीं लोग प्रशासन से जवाब मांग रहे हैं कि आखिर क्यों इस लापरवाही का खामियाजा एक हंसते-खेलते परिवार को भुगतना पड़ा।

अन्य सम्बंधित खबरे