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1 जनवरी 2025, यानी सभी की जिंदगी के नए साल की शुरुआत। हर नया साल नई उम्मीदें साथ लेकर आता है। आखिर क्यों 1 जनवरी को ही न्यू ईयर सेलिब्रेट किया जाता है? इस तारीख को नए साल की शुरुआत मानने का जिक्र 153 बीसीई के रोमन कैलेंडर में देखने को मिलता है। इसके बाद 46 बीसीई के जूलियन कैलेंडर में भी इसी तारीख को साल का पहला दिन अंकित किया गया। साल 1582 में रोमन कैथोलिक चर्च ने जॉर्जियन कैलेंडर को अपनाया और 1 जनवरी को आधिकारिक रूप से नए साल का पहला दिन घोषित किया। इसके बाद धीरे-धीरे अन्य यूरोपीय देशों और फिर दुनियाभर में इस कैलेंडर को स्वीकार किया जाने लगा।
न्यू ईयर के लिए दो प्रतीक मुख्य तौर पर इस्तेमाल होते हैं, जिनमें से एक शिशु और दूसरा वृद्ध शख्स का है। इसका इस्तेमाल प्राचीन समय में ग्रीस में शुरू हुआ था। शिशु जहां नई शुरुआत को दिखाता है, तो वहीं वृद्ध आदमी पुराने वक्त को दर्शाता है। जनवरी नाम का मतलब भी अपने आप में बेहद खास है। रोम के लोगों ने इसे अपने भगवान जैनस के नाम पर आधारित रखा था। जैनस के दो चेहरे हैं, जिनमें से एक पीछे की ओर देखता है, तो दूसरा सामने की ओर। पीछे और आगे दिए गए सिर, बीते हुए समय यानी पास्ट को जाने देने और आशा के साथ नए भविष्य की ओर देखने की भावना को व्यक्त करते हैं।
अगर किसी को लगता है कि न्यू ईयर रेजोल्यूशन की परंपरा हाल-फिलहाल में सामने आए वेस्टर्न ट्रेंड के कारण शुरू हुई है, तो वो गलत हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि यह प्रथा भी प्राचीन समय से ही चली आ रही है। कुछ लोगों का मानना है कि बेबीलोनियन ने यह परंपरा करीब 4,000 साल पहले शुरू की थी। रेजोल्यूशन को भगवान को खुश करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए रखा जाता था।
ऐसा माना जाता है कि साल के पहले दिन जो चीज की जाती है, वो पूरे साल जारी रहती है। यही वजह है कि ज्यादातर लोग नए साल के पहले दिन को ज्यादा से ज्यादा सकारात्मक चीजों से भरने की कोशिश करते हैं। फिर चाहे वो जल्दी उठना हो, मंदिर में माथा टेकना, व्यायाम करना, नए लक्ष्य निर्धारित करना या फिर किसी भी तरह की नई शुरुआत करना। व्यक्ति अपने अनुसार पहले दिन को खुशियों, उम्मीदों और सकारात्मक ऊर्जा से भरने का प्रयास करता है ताकि उसका पूरा साल अच्छा गुजरे।
जिस तरह हर जगह नए साल को मनाए जाने का तरीका अलग है, उसी तरह से साल के पहले दिन से जुड़े भोज भी अलग-अलग तरह के होते हैं। उदाहरण के लिए यूरोप में न्यू ईयर के पहले दिन की शुरुआत हरी सब्जी खाकर की जाती है, तो वहीं उत्तर एशिया में डंपलिंग्स, नूडल्स, राइस केक आदि खाए जाते हैं। वहीं कुछ जगह पर मछली, अंगूर, अनार, मिठाई, पीले चावल, जैसी चीजों को नए साल पर खाना शुभ माना जाता है।
लाइन आइलैंड्स, प्रशांत महासागर के करीब स्थित समोआ और टोंगा, वो स्थान हैं, जहां पर सबसे पहले नए साल की शुरुआत होती है। वहीं अमेरिकन समोआ, बेकर आइलैंड और हाउलैंड आइलैंड में न्यू ईयर सबसे आखिर में शुरू होता है। न्यू ईयर सेलिब्रेशन यूं तो पूरी दुनिया में होता है, लेकिन कुछ स्थान हैं, जो विश्व भर में लोगों के बीच इस खास मौके को मनाए जाने के लिए मशहूर हैं। यही वजह है कि दूर-दूर से लोग न्यू ईयर ईव के लिए यहां पहुंचते हैं और नए साल की शुरुआत पार्टी, डांस और बेहतरीन फूड के साथ करते हैं। इन फेमस/पॉपुलर न्यू ईयर सेलिब्रेशन डेस्टिनेशन्स के नाम हैं: बैंकॉक (थाईलैंड), दुबई (यूएई), एडिनबर्ग (स्कॉटलैंड), न्यू यॉर्क (अमेरिका), बाली (इंडोनेशिया), टोक्यो (जापान), एम्सटर्डम (नीदरलैंड), रियो डी जेनेरियो (ब्राजील), केप टाउन (साउथ अफ्रीका), मॉस्को (रशिया), सिडनी (ऑस्ट्रेलिया)।
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