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स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी का 'फ्रेंच कनेक्शन' : फ्रांसीसी नेता ने अमेरिका से वापस मांगी प्रतिमा
By Lokjeewan Daily - 18-03-2025

वाशिंगटन । अमेरिका ने फ्रांसीसी नेता राफेल ग्लक्समैन के इस सुझाव को खारिज कर दिया कि 'स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी' को फ्रांस को वापस कर देना चाहिए। ट्रंप प्रशासन ने उनकी टिप्पणियों को अनुचित और राजनीति से प्रेरित बताया।
सेंटर-लेफ्ट नेता ग्लक्समैन ने हाल ही में कहा कि फ्रांस को प्रतिष्ठित प्रतिमा वापस ले लेनी चाहिए, उन्होंने तर्क दिया कि अमेरिका ने उन मूल्यों को बरकरार नहीं रखा है, जिन्होंने फ्रांस को स्मारक उपहार में देने के लिए प्रेरित किया।

ग्लक्समैन की टिप्पणियों को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों, [विशेष रूप से वैज्ञानिक स्वतंत्रता और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के संबंध में], की सीधी आलोचना के रूप में देखा गया।

ग्लक्समैन ने कहा, "हम अत्याचारियों का साथ देने वाले और वैज्ञानिक स्वतंत्रता की मांग करने वाले को बर्खास्त करने वाले अमेरिकियों से कहेंगे कि हमें स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी वापस दे दो। हमने इसे आपको एक उपहार के रूप में दिया था, लेकिन जाहिर है, आप इसे तुच्छ समझते हैं। इसलिए यह फ्रांस में अपने घर पर ठीक रहेगा।"

फ्रेंच नेता के इस बयान पर व्हाइट हाउस की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई।

प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने इस मांग को सिरे से खारिज करते हुए ग्लक्समैन की राजनीतिक हैसियत का मजाक उड़ाया। उन्होंने कहा, "बिल्कुल नहीं। और उस अनाम निम्न-स्तरीय फ्रांसीसी राजनीतिज्ञ को मेरी सलाह होगी कि उन्हें याद दिलाया जाए कि यह केवल संयुक्त राज्य अमेरिका की वजह से है कि फ्रांसीसी अभी जर्मन नहीं बोल रहे हैं। इसलिए उन्हें हमारे महान देश का बहुत आभारी होना चाहिए।"

स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी को 28 अक्टूबर, 1886 को न्यूयॉर्क हार्बर में अमेरिकी स्वतंत्रता की घोषणा की 100वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में प्रस्तुत किया गया था।

फ्रांसीसी कलाकार ऑगस्टे बार्थोल्डी द्वारा निर्मित, यह फ्रांस के लोगों की ओर से संयुक्त राज्य अमेरिका को एक उपहार था, जो स्वतंत्रता और लोकतंत्र के साझा मूल्यों का प्रतिनिधित्व करता है। पेरिस में सीन नदी के एक द्वीप पर प्रतिमा की एक छोटी प्रतिकृति है।

ग्लक्समैन की टिप्पणियों को इसे वापस करने की वास्तविक मांग के बजाय एक प्रतीकात्मक राजनीतिक बयान के रूप में देखा गया।

ट्रंप के मुखर आलोचक, ग्लक्समैन ने अमेरिकी राष्ट्रपति की विदेश नीति में बदलाव का कड़ा विरोध किया है, खासकर यूक्रेन में युद्ध के संबंध में। उन्होंने फ्रांस में धुर दक्षिणपंथियों के नेताओं की भी निंदा करते हुए उन पर ट्रंप और अरबपति एलन मस्क का 'फैन क्लब' बताया।

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