It is recommended that you update your browser to the latest browser to view this page.

Please update to continue or install another browser.

Update Google Chrome

ट्रंप टैरिफ का असर, 0.4-0.5 प्रतिशत के बीच घट सकती है अमेरिकी अर्थव्यवस्था
By Lokjeewan Daily - 27-08-2025

नई दिल्ली । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से व्यापारिक साझेदार देशों पर लगाए गए टैरिफ के कारण महंगाई बढ़ सकती है, जिस वजह से यूएस की अर्थव्यवस्था 0.4-0.5 प्रतिशत के बीच घट सकती है।

अमेरिका की ओर से भारत पर लगाए गए 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ बुधवार से लागू हो गए हैं। इसे मिलाकर भारतीय निर्यात पर यूएस टैरिफ 50 प्रतिशत हो गया है।


एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट में बताया गया कि अमेरिका में महंगाई दर पूरे 2026 में 2 प्रतिशत के ऊपर रह सकती है। इसकी वजह टैरिफ के कारण आपूर्ति में व्यवधान और एक्सचेंज रेट में उतार-चढ़ाव होना है।


रिपोर्ट में कहा गया, "अमेरिका में महंगाई के नए दबाव के संकेत दिखने लगे हैं, जो हाल ही में लगाए गए टैरिफ और कमजोर डॉलर के कारण खासकर इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटो और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स जैसे आयात-संवेदनशील क्षेत्रों में बढ़ रही है।"


एसबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारतीय वस्तुओं पर भारी टैरिफ लगाने के अमेरिकी फैसले से अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा, जिससे महंगाई का दबाव बढ़ेगा और विकास धीमा होगा।


इसमें आगे कहा गया है, "हमारा मानना ​​है कि अमेरिकी टैरिफ से अमेरिकी जीडीपी पर 40-50 आधार अंकों (0.4-0.5 प्रतिशत) का असर पड़ सकता है और इनपुट लागत में भी बढ़ोतरी हो सकती है।"


अमेरिका के जैक्सन होल में फेड के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए, फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने कहा था कि हम बढ़ती कीमतों और कमजोर रोजगार बाजार में जोखिमों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रहे हैं। कीमतों पर उच्च टैरिफ का प्रभाव अब स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है।



जुलाई में अमेरिका के थोक मूल्यों में लगभग 1 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो तीन वर्षों में सबसे तेज वृद्धि थी। इसका कारण टैरिफ युद्ध के परिणामस्वरूप लागत में इजाफा होना था। उत्पादक मूल्य सूचकांक में साल-दर-साल 3.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि सेवाओं, प्रसंस्कृत वस्तुओं और फर्नीचर व परिधान जैसे टैरिफ केंद्रित आयातों की कीमतों में तेज वृद्धि देखी गई।


अर्थशास्त्रियों ने चेतावनी दी है कि जब तक टैरिफ वापस नहीं लिए जाते, अमेरिका में परिवारों को अपने बजट पर और अधिक दबाव का सामना करना पड़ेगा।

अन्य सम्बंधित खबरे