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किसी ने सही कहा है कि लातों के भूत बातों से नहीं मानते यह कहावत पूरी तरह पाकिस्तान पर लागू होती है और हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक इशारे पर हिन्द की सेना ने आपरेशन सिंदूर करके भारत की बेटियों का सिंदूर उजाड़ने वाले पाकिस्तानी दरिंदो को सबक सिखाकर यह बता दिया कि हम शांति के साथ आत्म सम्मान की रक्षा करना भी जानते है। समस्त देशवासियों को भारत की सेना पर गर्व है। बुधवार को भारतीय सेना की जाबांज लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी एवं व्योमिका सिंह ने भारतीय सेना की ओर से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की घोषणा कर आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक भूमिका को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया। वे पहली महिला अफसर हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास और रणनीतिक ऑपरेशन की जानकारी साझा की। यह नारी शक्ति, धर्मनिरपेक्षता और सैन्य नेतृत्व का प्रेरक उदाहरण है। भारतीय सेना की लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी और व्योमिका सिंह आज देश की उस नारी शक्ति की प्रतीक बन चुकी हैं, जो जमीनी रणनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मंचों तक देश का नाम रोशन कर रही हैं।
हाल ही में भारत की ओर से पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके ) में किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत एक अहम भूमिका निभाने वाली कर्नल सोफिया अब इस सैन्य कार्रवाई की कहानी को दुनिया के सामने रख रही हैं। इस ऑपरेशन के तहत पीओके में स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक एयर स्ट्राइक की गई, जिसकी पुष्टि भारतीय सेना की महिला अधिकारी व्योमिका और विदेश सचिव विक्रम मिसरी के साथ कर्नल सोफिया ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में की। यानी हम कह सकते है कि भारत की बेटियों ने विश्व के समक्ष तिरंगे का मान बढ़ाया है।
इस आपरेशन सिंदूर के माध्यम से भारत ने न केवल अपनी सैन्य क्षमता और रणनीतिक परिपक्वता का प्रदर्शन किया, बल्कि दो महिला अधिकारियों को मंच पर लाकर यह भी दर्शाया कि अब युद्ध केवल हथियारों से नहीं, बल्कि निर्णय, नेतृत्व और विविधता की शक्ति से लड़े जाते हैं। यह एक स्पष्ट संदेश था—नारी शक्ति और धर्मनिरपेक्षता की साझा विरासत को दुनिया के सामने प्रस्तुत करने का। भारत की बेटियों में राष्ट्र के लिए त्याग का भाव जन्म घूंटी के साथ ही दिया जाता है। इन दोनों जाबांज सैन्य अधिकारियों ने युवाओं के लिए एक आदर्श प्रस्तुत किया है।
"ऑपरेशन सिंदूर" भारतीय सेना के शौर्य, युद्ध कौशल, और राष्ट्रीय एकता का एक शानदार उदाहरण बन गया है। यह न केवल पहलगाम हमले का जवाब था, बल्कि यह भारत की आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। इस कार्रवाई ने न केवल आतंकी ढांचे को नष्ट किया, बल्कि यह भारतीय समाज में एक नई चेतना का प्रतीक बनी। सिंदूर का लाल रंग अब केवल सौभाग्य का नहीं, बल्कि सैनिकों के बलिदान और राष्ट्र के गौरव का भी प्रतीक है। भारत में सिंदूर, जो पहले सौभाग्य का प्रतीक था, अब शौर्य और देशभक्ति का प्रतीक बन गया है। यह भारतीय सेना के साहस और भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो-टॉलरेंस नीति को दर्शाता है। 7 मई 2025 को भारतीय सशस्त्र बलों ने "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर सटीक और सुनियोजित हमले किए।
यह सैन्य कार्रवाई 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब थी। इस आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की जान चली गई, इस हमले के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उच्चस्तरीय बैठक में सशस्त्र बलों को पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई के लिए खुली छूट देने की घोषणा की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वादा किया था कि दोषियों को "पृथ्वी के किसी भी कोने तक खोजकर सजा दी जाएगी।" ऑपरेशन सिंदूर न केवल भारतीय सेना के शौर्य और सामरिक कुशलता का प्रतीक बना, बल्कि यह सिंदूर के लाल रंग के माध्यम से उन महिलाओं के बलिदान और दृढ़ता को भी श्रद्धांजलि देता है, जिन्होंने पहलगाम हमले में अपने जीवनसाथी खोए। ऑपरेशन सिंदूर का नामकरण स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया।
"सिंदूर" शब्द हिंदू संस्कृति में विवाहित महिलाओं द्वारा मांग में लगाए जाने वाले लाल रंग के प्रतीक को दर्शाता है, जो सौभाग्य और जीवनसाथी के प्रति समर्पण का प्रतीक है। पहलगाम हमले में कई महिलाओं ने अपने पतियों को खोया, और ऑपरेशन का नाम उनकी भावनाओं और बलिदान को सम्मान देने का एक प्रतीकात्मक प्रयास था। भारतीय सेना ने अपने आधिकारिक एक्स पोस्ट में "ऑपरेशन सिंदूर" लिखा, जिसमें "सिंदूर" के एक "O" को सिंदूर की कटोरी के रूप में दर्शाया गया, जिसका कुछ हिस्सा छलक गया-यह उस क्रूरता का प्रतीक था, जिसने 25 महिलाओं के जीवनसाथी छीन ऑपरेशन सिंदूर को भारतीय सेना, नौसेना, और वायुसेना ने संयुक्त रूप से अंजाम दिया।
यह 1971 के युद्ध के बाद पहली बार था जब तीनों सेनाओं ने एक साथ पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की। पहलगाम में आतंकवादियों ने क्रूरता की सारी हदें पार करते हुए पर्यटकों को उनके परिवारों के सामने गोली मारी थी। भारतीय जांच एजेंसियों ने इस हमले के पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों जैसे लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, और हिजबुल मुजाहिदीन का हाथ होने की पुष्टि की है। यह हमला द रेसिस्टेंस फ्रंट जैसे संगठनों द्वारा किया गया था। इस हमले ने भारत में गहरी नाराजगी और एकजुटता की भावना पैदा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सख्त कार्रवाई का वादा किया, था जो उनके मनोबल का प्रतीक था।
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