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मातृ वंदना योजना में दिव्यांग गर्भवती महिलाओं को मिलेंगे 10हजार रुपए
By Lokjeewan Daily - 02-09-2024

जयपुर: केंद्र और राज्य सरकारों की कई ऐसी योजनाएं हैं जिनमें लाभार्थियों को सीधा नकद लाभ दिया जाता है। उन्हीं में से एक प्रमुख योजना है प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई)। इस योजना के तहत केंद्र सरकार की ओर से दिव्यांग गर्भवती महिलाओं के पहली संतान होने पर 6500 हजार रुपए दिए जाते थे। केंद्र सरकार की इस योजना में अब राज्य सरकार ने लाभार्थी की लाभांश राशि बढा दी है। अब 1 सितंबर से 6500 रुपए के बजाय 10,000 रुपए दिए जाएंगे। इस राशि में बढोतरी किए जाने के बाद प्रदेश की डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने कहा कि यह योजना महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए एक बड़ा कदम है।

बढ़ोतरी की राशि राज्य निधि से दी जाएगी

  

डिप्टी सीएम दिया कुमारी ने बताया कि दिव्यांग महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान और संतान के जन्म के पश्चात अधिक पौष्टिक आहार मिल सके। इसके इस योजना की राशि में बढ़ोतरी करते हुए 10 हजार रूपये किया गया है। माँ और बच्चें का बेहतर स्वास्थ्य हो और टीकाकरण सुनिश्चित हो सके। इस हेतु यह प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। उन्होंने कहा कि यह 3500 रुपये की अतिरिक्त राशि 100 प्रतिशत राज्य निधि से डीबीटी के माध्यम से दी जाएगी।

कैसे और कितनी किस्तों में मिलेगी राशि
समेकित बाल विकास सेवाएं के निदेशक ओपी बुनकर ने बताया कि योजना के अनुसार प्रथम किश्त का भुगतान आंगनबाड़ी केंद्र पर पंजीकरण और कम से कम एक प्रसव पूर्व स्वास्थ्य जांच पर पूर्व में 3000 रुपये दिये जाते थे। जिसे बढ़ाकर 4000 रुपये कर दिया गया है। बच्चे के जन्म पर पूर्व में मिलने वाले 1500 रूपये की द्वितीय किश्त को बढ़ाकर 3000 रुपये कर दिया गया है। बच्चे के जन्म का पंजीकरण और प्रथम चरण के सम्पूर्ण टीकाकरण पर चौदह सप्ताह की आयु तक के सभी टीके पूर्ण करवाने पर मिलने वाली तीसरी किश्त 2000 रूपये को बढ़ाकर 3000 रुपये कर दिया गया है। बढ़ी हुई राशि 3500 रूपये ऐसी महिलाएं को दी जाएगी जो आंशिक रूप से (40 प्रतिशत) अथवा पूरी तरह से अक्षम है। उन्हें डीबीटी के माध्यम से उक्त राशि दी जाएगी।


पोषण माह की शुरुआत
उपमुख्यमंत्री और महिला एवं बाल विकास मंत्री दिया कुमारी ने यह भी बताया कि 1 सितम्बर से प्रदेश में "राष्ट्रीय पोषण माह 2024" का आयोजन किया गया है। जिसमें महिलाओं और बच्चों का पोषण को बढ़ावा देने, उनके बेहतर स्वास्थ्य की गतिविधियां संचालित करने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण और पोषण भी पढ़ाई भी को लक्षित किया गया है। महिलाओं और बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य और पोषण को सुनिश्चित करने के लक्ष्य से आयोजित होने वाले इस अभियान में एनीमिया, वृद्धि निगरानी, पूरक आहार, पोषण भी पढ़ाई भी, बेहतर शासन के लिए तकनीकी उपाय, पर्यावरण संरक्षण थीम्स हैं। राष्ट्रीय पोषण माह 2024 का कैलेंडर तैयार किया गया है। जिसके अनुसार गतिविधियों को आयोजित किया जाना है। जिला उपनिदेशकों और सीडीपीओ को निर्देशित किया गया है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, आशा वर्कर, महिला पर्यवेक्षक, स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में अन्य सभी सहयोगी विभागों के समन्वय से "राष्ट्रीय पोषण माह 2024" की गतिविधियों का कैलेंडर के अनुसार आयोजन किया जाए।

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