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नवगठित जिलों की अभी और होगी समीक्षा
By Lokjeewan Daily - 03-09-2024

जयपुर, राजस्थान में पिछली गहलोत सरकार में बनाए गए 17 नये जिलों को लेकर सरकार का असमंजस खत्म नहीं हो रहा है। इन जिलों की समीक्षा के लिए सरकार ने जो उच्च स्तरीय समिति गठित की थी। उसने 30 अगस्त को ही सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी, लेकिन अब इस मामले में गठित कैबिनेट सब कमेटी का कहना है कि जो जिले बने हैं, अभी उनकी समीक्षा और होगी। नए जिलों को लेकर आज सोमवार को कैबिनेट की सब कमेटी की बैठक बुलाई गई। इसमें पिछली गहलोत सरकार में बनाए गए 17 नए जिलों को लेकर उच्च स्तरीय समिति की समीक्षा रिपोर्ट पर चर्चा की गई। रिटायर्ड आईएएस ललित के पंवार की अध्यक्षता में बनी लेकर उच्च स्तरीय समिति ने 30 अगस्त को कैबिनेट सब कमेटी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी, लेकिन कैबिनेट सब कमेटी ने रिपोर्ट पर कोई निर्णय नहीं लिया।

बैठक के बारे में जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने बताया कि बैठक में अभी किसी तरह का फैसला नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा कि जो जिले बने हैं, उसकी समीक्षा और होगी। हालांकि ललित के पंवार का कहना है कि वे अपनी रिपोर्ट कैबिनेट सब कमेटी को सौंप चुके हैं। अब इस मामले में उनका काम खत्म हो चुका है और जो भी निर्णय लेना है वो कैबिनेट सब कमेटी लेगी। वहीं, जलदाय मंत्री ने कहा कि जो भी फैसला लिया जाएगा वह जन भावना के अनुरूप लिया जाएगा। कई जिले जल्दबाजी में बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि अगर हर विधानसभा को जिला बना दिया जाए तो 200 जिले हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि नए जिलों की मांग भी हो रही है या किसी गांव को जोड़ा जाएगा, इस पर भी चर्चा हो रही है।


एक जिले चलाने के लिए 2000 करोड़ का आता है भार
कन्हैयालाल चौधरी ने कहा कि एक जिले को ठीक तरीके से बनाने में 2000 करोड़ का खर्च आता है। प्रतापगढ़ साल 2008 में जिला बना था, लेकिन अब तक पूरा काम नहीं हो पाया है। प्रशासनिक काम अभी भी बाकी है। उन्होंने कहा कि लोगों का पैसा लग रहा है तो उसका पूरा आकलन करना होगा।

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