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कोटा में कोचिंग स्टूडेंटस के लिए जानलेवा हैं
By Lokjeewan Daily - 30-04-2024

जयपुर, राजस्थान के कोटा में कोचिंग छात्रों में आत्महत्या के मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस मामले पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने अहम बयान दिया है। उन्होंने कोटा में बढ़ते आत्महत्या के मामलों के लिए रोमांटिक रिश्तों को भी जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने बताया कि अक्सर छात्र गलत लोगों के साथ जुड़ जाते हैं या रिश्तों में असफलता का सामना करते हैं, जिसके कारण वे ऐसे कठोर कदम उठाते हैं। उन्होंने छात्रों की आत्महत्या के मामलों के लिए माता-पिता के दबाव को भी जिम्मेदार ठहराया है।

कोचिंग संस्थान अकेले जिम्मेदार नहीं

हम आपको बताना चाहते हैं कि कोटा में छात्रों की ओर से आत्महत्या करने की दर में कमी नहीं आ रही है। प्रशासन ने इस संबंध में कई प्रयास किए हैं, लेकिन हर बार ये प्रयास असफल रहे हैं। हालांकि, शिक्षा मंत्री दिलावर का मानना है कि छात्रों या कोचिंग संस्थानों पर पढ़ाई का दबाव अकेले आत्महत्या के लिए जिम्मेदार नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी एक पक्ष को दोषी ठहराना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि माता-पिता का दबाव और साथियों का नकारात्मक प्रभाव भी आत्महत्या में योगदान देता है। उन्होंने बताया कि छात्र अक्सर नकारात्मक प्रभावों में फंस जाते हैं और गलत निर्णय लेते हैं, खासकर जब उन्हें रिश्तों जैसे पहलुओं में असफलता का सामना करना पड़ता है।

अभिभावकों का दबाव छात्रों के लिए हानिकारक हो सकता है

शिक्षा मंत्री दिलावर ने छात्रों की आत्महत्या की घटनाओं पर खुलकर अपने विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि कोचिंग संस्थानों में छात्रों में आत्महत्या की बढ़ती प्रवृत्ति के पीछे अभिभावकों का अत्यधिक दबाव भी है, क्योंकि अक्सर अभिभावक उनसे जरूरत से ज्यादा उम्मीदें रखते हैं। जब छात्र इन उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाते तो वे अवसाद में चले जाते हैं और आत्महत्या का रास्ता अपना लेते हैं। उन्होंने बताया कि कई मामलों में बच्चों ने सुसाइड नोट में लिखा होता है कि 'मम्मी पापा, मैं आपकी इच्छा पूरी नहीं कर पाया, आपने जो लक्ष्य दिया था, मैं उसे पूरा नहीं कर पाया।' ऐसी परिस्थितियों में यह स्पष्ट है कि बच्चे अभिभावकों के अनावश्यक दबाव के कारण ही आत्महत्या करने को मजबूर होते हैं।

 

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