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पांच साल से शारीरिक एवं स्वास्थ्य शिक्षा की किताबें नहीं, ये कैसी बच्चों की परीक्षा
By Lokjeewan Daily - 30-11-2024

- राज्य सरकार ने नौवीं व दसवीं में सब्जेक्ट शुरू, पर किताबें ही नही
प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में पांच वर्ष से कक्षा 9 एवं 10 के विद्यार्थियों को स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा की पुस्तकें ही नहीं मिल रही है, ऐसे में विद्यार्थी बिना पुस्तकों के ही यह परीक्षाए देने को मजबूर हैं। वर्तमान में अर्धवार्षिक परीक्षा विद्यार्थियों के सिर पर है। शिक्षा विभाग ने शारीरिक एवं स्वास्थ्य शिक्षा के लिए कक्षा 9 व 10 के लिए हर सप्ताह दो-दो कालांश निर्धारित किए गए हैं। अन्य विषयों के साथ ही स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा की पुस्तकें भी राज्य पाठ्यपुस्तक मंडल से निशुल्क उपलब्ध कराने का प्रावधान है। प्रदेश में गत 5 वर्षों से सरकारी विद्यालय में पाठ्य पुस्तकें पहुंची ही नहीं और न ही ये बाजार में उपलब्ध है। ऐसे में हर वर्ष विद्यार्थी उलझन में रहते हैं कि बिना पाठ्य पुस्तकों के परीक्षा दे तो कैसे दें। उधर शारीरिक शिक्षकों को भी इतनी ही दिक्कत है। उनके पास पुस्तकें नहीं होने पर वे ऑनलाइन पाठ्यक्रम एवं पठन सामग्री तलाश कर बच्चों को रटवा रहे हैं। पूर्व के वर्षों में जिला समान परीक्षा के तहत के स्थानीय शिक्षक ही उनके द्वारा पढ़ाई गैर पाठ्यक्रम के आधार पर विद्यार्थियों की परीक्षा लेते थे। विभाग की ओर से परिणाम में ग्रेड सिस्टम दिया जाता है। अब जल्दी ही अर्धवार्षिक परीक्षा का आयोजन होना है। अब राज्य स्तर पर समान परीक्षा व्यवस्था होगी जिसमें विद्यार्थी बिना पाठ्यपुस्तक के प्रश्न पत्र कैसे दे पाएंगे इसे लेकर असमंजस बना हुआ है। उधर, राजस्थान शारीरिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष डॉ नारायण लाल गाडरी का कहना है कि शिक्षा विभाग ने दूरगामी ध्येय को देखकर इन विषय को जोड़ा है। इसके बावजूद पुस्तकों का मुद्रण नहीं होना चिंता का विषय है। बिना पुस्तकों के ही परीक्षा लेना और विद्यार्थियों ग्रेड देना उचित नहीं है। शीघ्र ही पाठ्य पुस्तकें कक्षा 3 से 12 तक उपलब्ध करवाई जानी चाहिए।

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