It is recommended that you update your browser to the latest browser to view this page.

Please update to continue or install another browser.

Update Google Chrome

राजस्थान में जमीन-मकान खरीदना महंगा, लागू हुई बढ़ी हुई नई डीएलसी दरें
By Lokjeewan Daily - 02-12-2024

जयपुर। राजस्थान में जमीन और मकान खरीदने वालों के लिए खर्च बढ़ गया है। राज्य सरकार ने 2 दिसंबर 2023 से बढ़े हुए डीएलसी रेट (डिस्ट्रिक्ट लैंड कलेक्टर रेट) को लागू कर दिया है। इस फैसले के तहत शहरी क्षेत्रों में डीएलसी रेट 5% से 15% और ग्रामीण क्षेत्रों में 50% तक बढ़ाए गए हैं। इस बदलाव का सीधा असर संपत्तियों की रजिस्ट्री पर पड़ेगा, जिससे अब खरीदारों को अधिक राशि चुकानी होगी।

डीएलसी रेट क्या है और इसका महत्व : डीएलसी रेट वह न्यूनतम मूल्य है जिस पर संपत्ति का पंजीकरण किया जाता है। यह दर सरकारी स्टांप शुल्क और रजिस्ट्रेशन शुल्क की गणना का आधार होती है। बढ़ोतरी का मुख्य उद्देश्य सरकारी राजस्व बढ़ाना और संपत्ति की बाजार दरों और सरकारी दरों में सामंजस्य स्थापित करना है।
शहरी और ग्रामीण इलाकों में मुख्य बदलाव:

शहरी क्षेत्रों में : रजिस्ट्री अब वर्ग गज के बजाय वर्ग मीटर में होगी। जयपुर, सीकर रोड और जगतपुरा जैसे इलाकों में 15% तक डीएलसी दरों में बढ़ोतरी हुई है।

ग्रामीण क्षेत्रों में : कृषि भूमि की रजिस्ट्री अब बीघा के बजाय हेक्टेयर में होगी। सिंचित कृषि भूमि की दरों में 50% तक बढ़ोतरी की गई है।

महिलाओं को छूट : महिलाओं के नाम पर रजिस्ट्री में छूट के तहत- 7.5% शुल्क देना होता है, जिसमें 5% स्टांप ड्यूटी, 1% रजिस्ट्रेशन शुल्क और 30% सरचार्ज शामिल हैं। पुरुषों के लिए यह शुल्क 8.8% है।

डीएलसी रेट बढ़ाने के पीछे कारण : जून-जुलाई 2023 में आए प्रस्तावों के आधार पर राज्य सरकार ने यह फैसला लिया। तेजी से शहरीकरण और विकास के कारण कई ग्रामीण क्षेत्रों में भी डीएलसी दरें 50% तक बढ़ाई गई हैं। इससे पहले 1 अप्रैल 2023 को भी डीएलसी रेट में 10% बढ़ोतरी हुई थी।

इस बदलाव से संपत्ति खरीदने वालों को ज्यादा रजिस्ट्री शुल्क देना होगा, जिससे सरकारी राजस्व में वृद्धि होगी। साथ ही, बढ़ती संपत्ति दरों को ध्यान में रखते हुए सरकारी मूल्यांकन में सुधार किया गया है।

अन्य सम्बंधित खबरे