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भजनलाल सरकार के लिए सिरदर्द बन सकता है 9 जिले और 3 संभाग निरस्त करने का फैसला
By Lokjeewan Daily - 30-12-2024

जयपुर: राजस्थान की भाजपा सरकार ने 28 दिसंबर को हुई कैबिनेट की बैठक में गहलोत राज में बने 3 संभाग और 9 जिलों को निरस्त करने का फैसला लिया। भजनलाल सरकार के इस फैसले के खिलाफ कई जिलों में आंदोलन शुरू हो गए हैं। जिन जिलों और संभागों को निरस्त किया। वहां विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। कुछ जिलों में सड़कों पर टायर जलाकर सरकार के फैसले का विरोध किया गया। आज सोमवार से ट्रेनें रोकने और हाईवे जाम करने की चेतावनी भी दी गई है। सरकार के फैसले से नाराज स्थानीय नेताओं ने अपने पदों से इस्तीफे तक भेज दिए।

शाहपुरा रहा बंद, एसडीएम को ज्ञापन

भीलवाड़ा से अलग करके बनाए गए शाहपुरा जिले को भी निरस्त कर दिया गया। सरकार के इस फैसले के विरोध में रविवार को शाहपुरा बंद रहा। सोमवार से उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई है। कांग्रेस के नेताओं का आरोप है भाजपा के दो विधायक इस क्षेत्र से हैं लेकिन वे शाहपुरा  जिले को नहीं बचा सके। जिला बचाओ संघर्ष समिति ने राज्यपाल के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है।

 

सीकर और नीम का थाना में बड़ा आंदोलन

सीकर संभाग और नीम का थाना जिले को निरस्त किए जाने पर स्थानीय नेता और आमजन ने रविवार को ही विरोध शुरू कर दिया। सीकर सांसद कामरेड अमराराम ने भी वीडियो जारी करके भाजपा सरकार के इस फैसले का विरोध किया। उन्होंने कहा कि शेखावाटी क्षेत्र में अलग से संभाग बनाए जाने की मांग लंबे समय से थी जिसे पूर्ववर्ती सरकार ने पूरा किया लेकिन डबल इंजन की सरकार ने क्षेत्र के लोगों के साथ भारी अन्याय किया है। आने वाले दिनों में भाजपा को इसका अंजाम भुगतना होगा। जिला संघर्ष समिति ने भी राज्य सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया। विधायक सुरेश मोदी ने कहा कि दिल्ली से पर्ची आई और भजनलाल सरकार ने बिना कुछ सोचे समझे निर्णय ले लिया।

सांचौर में महापड़ाव की चेतावनी

जालोर जिले से अलग होकर बनाए गए सांचौर जिले को भी निरस्त करने से स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने सरकार के फैसले का विरोध किया। पूर्व मंत्री सुखराम बिश्नोई ने कहा कि जालोर का क्षेत्र बहुत बड़ा है। अंतिम छोर का गांव जिला मुख्यालय से 200 किलोमीटर दूर है। इससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। इसलिए कांग्रेस सरकार ने सांचौर जिला बनाया था लेकिन अब भाजपा ने सांचौर जिले को निरस्त करने का निर्णय लेकर जिले के लोगों के साथ बड़ा अन्याय किया है। रविवार को जिला मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया गया और महापड़ाव डालने का ऐलान किया गया।

सांसद राजकुमार रोत भी उतरे विरोध में

बांसवाड़ा से बीएपी सांसद राजकुमार रोत ने भी बांसवाड़ा संभाग को निरस्त किए जाने का विरोध किया है। अखिल राजस्थान अनुसूचित जाति और जनजाति छात्र संघ ने भी राज्य सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन का ऐलान किया है। रविवार को भी राज्य सरकार के इस फैसले के विरोध में प्रदर्शन किया गया। संघ ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने यह फैसला वापस नहीं लिया तो बीजेपी के नेताओं को क्षेत्र में घुसने नहीं दिया जाएगा।

अनूपगढ़ में जलाया सीएम का पुतला

गंगानगर से अलग करके बनाए गए अनूपगढ़ जिले को निरस्त करने के फैसले के बाद विरोध शुरू हुआ था। जिला बचाओ संघर्ष समिति ने रविवार को सीएम भजनलाल शर्मा का पुतला फूंका। कई स्थानीय नेताओं ने अपने पदों से इस्तीफे देकर राज्य सरकार के फैसले का विरोध किया। भाजपा के मंडल अध्यक्ष मदन सिंह राठौड़ ने बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष को इस्तीफा भेज कर इसे स्वीकार करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की जनता की नाराजगी को देखते हुए उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया है।

दूदू में डिप्टी सीएम के खिलाफ आंदोलन

जयपुर से अलग होकर बने दूदू जिले को निरस्त करने के फैसले के बाद स्थानीय लोगों ने डिप्टी सीएम डॉ. प्रेमचंद बैरवा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। लोगों का आरोप है कि उनके क्षेत्र का नेता सरकार में उपमुख्यमंत्री होने के बावजूद अपने जिले को नहीं बचा सका। इतने कमजोर नेता को वे स्वीकार नहीं कर सकते। दूदू क्षेत्र में जगह जगह विरोध प्रदर्शन करके डॉ. बैरवा के खिलाफ नारेबाजी की गई।

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