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भजनलाल सरकार में जिलों के बाद अब स्थानीय निकायों पर चलेगी कैंची
By Lokjeewan Daily - 23-01-2025

जयपुर: पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के फैसलों पर भजनलाल सरकार लगातार कैंची चला रही है। कई योजनाओं को अनुपयोगी बताते हुए बंद कर दिया गया और कई योजनाओं के नाम बदल दिए गए। गहलोत राज में बनाए गए 17 नए जिले और 3 संभाग वाले फैसले पर भी कैंची चलाई गई। 9 जिलों और 3 संभाग निरस्त कर दिए गए। अब गहलोत राज में बनाई गई 56 नगर पालिकाओं को भी फिर से ग्राम पंचायत बनाने की कवायद शुरू हो गई है। नवगठित निकायों को लेकर सभी जिला कलेक्टरों से रिपोर्ट मांगी गई है। कलेक्टर की रिपोर्ट के बाद सरकार अपना फैसला लेगी।
99 से अधिक नए निकाय बनाए गए थे गहलोत राज में

पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने नए जिलों और संभाग बनाने से पहले स्थानीय निकायों का भी पुनर्गठन किया था। करीब 99 से ज्यादा निकाय बनाए गए थे। ग्राम पंचायतों को नगर पालिका, नगर पालिकाओं को नगर परिषद और नगर परिषदों को नगर निगम बनाया गया था। मौजूदा भजनलाल सरकार का मानना है कि कांग्रेस ने बिना जरूरत के ही निकायों को बदल दिया। राजनैतिक फायदे के लिए स्थानीय निकायों को बदला और सैकड़ों नए वार्ड बना दिए गए। गहलोत सरकार के इस फैसले पर समीक्षा के लिए राज्य सरकार ने मंत्रिमंडलीय कमेटी बनाई है। कलेक्टरों की रिपोर्ट पर कमेटी अपनी सिफारिशें मुख्यमंत्री को भेजेंगे।

जयपुर, जोधपुर और कोटा फिर होंगे एक-एक निगम

पूर्ववर्ती सरकार ने जयपुर में दो नगर निगम बना दिए थे। जयपुर ग्रेटर और जयपुर हेरिटेज। जयपुर में वार्डों की संख्या भी बढ़ाकर 250 कर दी थी। इसी तरह जोधपुर और कोटा में भी दो दो नगर निगम बना दिए गए। अब इन छह नगर निगमों को फिर से तीन नगर निगम यानी जयपुर, जोधपुर और कोटा को एक एक नगर निगम में बदलने की तैयारी की जा रही है। अलवर और पाली को भी नगर परिषद से नगर निगम बना दिया गया था। अब इन दोनों निगमों को भी फिर से नगर परिषद बनाए जाने की तैयारी शुरू कर दी गई है।
एक साथ चुनाव कराने की तैयारी

राज्य सरकार ऐलान कर चुकी है कि स्थानीय निकायों में एक साथ चुनाव कराए जाएंगे। ऐसे में स्थानीय निकायों की संख्या कम करने की तैयारी की जा रही है। प्रदेश में अभी कुल 293 स्थानीय निकाय हैं जिनमें नगर पालिकाएं, नगर परिषद और नगर निगम शामिल हैं। साथ ही करीब साढ़े 11 हजार ग्राम पंचायतें हैं। सभी में एक साथ चुनाव कराया जाना काफी कठिन कार्य है। ऐसे में राज्य सरकार स्थानीय निकायों की संख्या 240 से 250 तक करना चाहती है। पुनर्गठन की तैयारी शुरू कर दी गई है। संभवतया इसी साल सरकार इस बारे में बड़ा फैसला लेने वाली है।

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