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भजनलाल सरकार पर बढ़े राजस्व घाटे पर केंद्र का 'मरहम', मोदी गवर्मेंट देगी 85,716 करोड़
By Lokjeewan Daily - 10-02-2025

 जयपुर: राजस्थान में सरकार का राजस्व घाटा 36 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इसके कारण सरकार पर वित्तीय भार बढ़ गया है। इस बीच राज्य सरकार के इस जख्म पर केंद्र सरकार बड़ा मरहम लगाने जा रही है। 19 फरवरी को विधानसभा में पेश होने वाले बजट से पहले राजस्व घाटे को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से बड़ी राहत मिलेगी। केंद्र सरकार केंद्रीय करों से प्राप्त की गई राशि में राज्य सरकार के हिस्से के अनुसार 85,716 करोड़ रुपये राजस्थान सरकार को देने जा रही है। इसके बाद वित्तीय संकट से जूझ रही भजनलाल सरकार के लिए यह बहुत बड़ी राहत होगी।

राजस्थान में 36000 करोड़ से अधिक का राजस्व घाटा हुआ

राजस्थान की वित्तीय हालत को लेकर एफआरबीएम की रिपोर्ट में प्रदेश का राजस्व घाटा का आंकड़ा सामने आया। इसमें खुलासा हुआ है कि राजस्थान में 36000 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व घाटा हुआ है। इससे सरकार पर वित्तीय संकट बढ़ता जा रहा है। इस बीच केंद्र सरकार केंद्रीय करों से प्राप्त राशि से राज्य सरकार के हिस्से के अनुपात के अनुसार 85,716 करोड़ रुपये देने जा रही है। यह राशि मिलने के बाद राज्य सरकार को राजस्व घाटे से उबरने के लिए बड़ी मदद मिलेगी।
 पिछले बजट से 10 हजार करोड़ रुपये अधिक मिलेंगे

इस बार केंद्रीय बजट में राजस्थान को केंद्रीय करों में से अपने हिस्से की राशि के तौर पर 10 हजार करोड़ रुपए अधिक मिलेंगे, यानी राजस्थान को इस बार 85,716 करोड रुपये मिलेंगे। राजस्थान में केंद्रीय कर की वसूली के बाद केंद्र सरकार को पैसा पहुंचता है, जिसका 6.26 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार वापस राजस्थान सरकार को लौटाती है। इस तरह से पिछली बार राजस्थान को केंद्रीय करों की हिस्सेदारी के हिसाब से 75,047.76 करोड़ रुपये मिले थे, जो अब बढ़कर 85,716 करोड़ रुपये हो गए हैं।

राजस्थान को केंद्रीय करों से मिलती है हिस्सेदारी

राज्यों में लगने वाले केंद्रीय करों से दिल्ली में केंद्र सरकार के पास पैसा जाता है। इसे बाद में केंद्र सरकार राज्य से कलेक्ट केंद्रीय करों के 6.26 प्रतिशत हिस्सेदारी के हिसाब से वापस लौटाती हैं। आंकड़ों की बात करें, तो राजस्थान को कॉर्पोरेशन टैक्स से 23934.98 करोड़ रुपये, इनकम टैक्स से 31936.24 करोड़ रुपये, सेंट्रल जीएसटी से 24954.27 करोड़ रुपये, कस्टम्स से 3945.35 करोड़ रुपये और यूनियन एक्साइज से 819.64 करोड़ रुपये हिस्सा राशि के तौर पर मिलेंगे।

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