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किरोड़ी मीणा को कारण बताओ नोटिस देकर ऐक्शन में आई भाजपा
By Lokjeewan Daily - 11-02-2025

जयपुर, पहले मंत्री पद से इस्तीफा देने और उसके बाद अपनी ही सरकार पर फोन टैपिंग के आरोप से पार्टी और सरकार की छवि धूमिल करने का कृत्य मानते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने किरोड़ी लाल मीणा को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। पार्टी ने मीणा को तीन दिन में जवाब देने को निर्देशित किया है। ऐसा नहीं करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

प्रदेश भाजपा की ओर से जब भी किसी तरह का कोई लेटर या नोटिस जारी किया जाता है तो वह महामंत्री की ओर से जारी किया जाता है, लेकिन मामला मीणा समाज के कद्दावर और वरिष्ठ नेता का है। ऐसे में महामंत्री या अन्य से नोटिस दिलाने की जगह बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने स्वयं नोटिस जारी किया। नोटिस के जरिए राठौड़ ने कहा कि किरोड़ी लाल मीणा भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं और भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर राजस्थान विधानसभा के लिए सवाई माधोपुर क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए हैं। Bottom of Form

आप राजस्थान सरकार में मंत्री भी हैं आपने गत दिनों मंत्री परिषद से त्यागपत्र की सूचना समाचार पत्रों में प्रकाशन के लिए उपलब्ध करवाई और सार्वजनिक रूप से समाचार पत्रों में बयान देकर भाजपा नीत सरकार पर आप के टेलीफोन टैप कराने का आरोप लगाया जो असत्य है। आपने सार्वजनिक रूप से उपरोक्त बयान देकर भारतीय जनता पार्टी की बहुमत वाली सरकार की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का कृत्य किया। आपका उपरोक्त कृत्य भारतीय जनता पार्टी के संविधान में वर्णित अनुशासन भंग की परिभाषा में आता है।

ऐसे में बयान को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पार्टी के संविधान में वर्णित अनुशासनहीनता माना है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देशानुसार आपको यह 'कारण बताओ' नोटिस भेजा जा रहा है। अतः आप उपरोक्त नोटिस में वर्णित आरोपों का तीन दिन के अंदर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें। ऐसा नही करने पर यह समझा जाएगा कि आपको उपरोक्त आरोप के बारे में कोई स्पष्टीकरण नहीं देना है।

बता दें कि कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने पिछले दिनों विधानसभा क्षेत्र के दौरान अपनी ही सरकार पर फोन टैपिंग का बयान एक समाचार पत्र में दिया था। जिसके बाद दिनभर विधानसभा में विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाते हुए जमकर सत्ता पक्ष को घेरा। मीणा के आरोपों को लेकर विपक्ष लगातार सत्ता पक्ष पर हमलावर रहा। यहां तक कि विधानसभा के अंदर राज्यपाल अभिभाषण पर कांग्रेस ने बहस तक नहीं की। इतना ही नहीं, राज्यपाल के अभिभाषण पर जब मुख्यमंत्री ने जवाब दिया तब भी कांग्रेस ने वेल में आकर जमकर हंगामा किया और सदन में धरने पर बैठे रहे।

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