It is recommended that you update your browser to the latest browser to view this page.

Please update to continue or install another browser.

Update Google Chrome

अलवर के बिचगांव में कांवड़ यात्रा में करंट से मचा कोहराम: दो श्रद्धालुओं की मौत, 30 से अधिक झुलसे
By Lokjeewan Daily - 23-07-2025

अलवर। श्रद्धा से भरी कांवड़ यात्रा बुधवार सुबह अचानक चीख-पुकार और अफरा-तफरी में बदल गई। अलवर जिले के लक्ष्मणगढ़ उपखंड के बिचगांव गांव में कांवड़ यात्रा के दौरान डीजे ट्रक अचानक हाईटेंशन लाइन से टकरा गया, जिससे करंट पूरे क्षेत्र में फैल गया। इस हादसे में दो श्रद्धालुओं की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 30 से ज्यादा लोग झुलस गए। इनमें से तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है।

हरिद्वार से गंगाजल लेकर लौट रही यह यात्रा मंगलवार रात गांव पहुंची थी। बुधवार सुबह जैसे ही कांवड़िए गांव के मंदिर की ओर बढ़े, वैसे ही यह हादसा हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, यात्रा में डीजे ट्रक शामिल था, जो नाचते-गाते श्रद्धालुओं के साथ चल रहा था। जैसे ही यह ट्रक गांव के भीतर एक तंग मार्ग से होकर गुजरा, ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन लाइन से ट्रक का ऊपरी हिस्सा टकरा गया। इसके बाद करंट न केवल ट्रक में बल्कि जमीन पर भी फैल गया, जिससे पास खड़े और डांस कर रहे श्रद्धालु इसकी चपेट में आ गए।

घटना के वीडियो भी सामने आए हैं, जिसमें श्रद्धालु उत्साहपूर्वक नाचते नजर आते हैं और फिर एक के बाद एक करंट लगने से गिरते दिखते हैं। वीडियो के दृश्य इतने भयावह हैं कि देखते ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं।

इस करंट हादसे में गांव के गोपाल (22) पुत्र लालाराम और सुरेश प्रजापत (40) पुत्र कजोड़ी राम की मौत हो गई। दोनों ही बिचगांव गांव के निवासी थे और यात्रा के सक्रिय सदस्य थे। हादसे में झुलसे 30 से अधिक लोगों को गढ़ीसवाईराम सीएचसी और अलवर के राजकीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। तीन गंभीर घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद जयपुर रेफर किया गया है।

हादसे के बाद गांव में कोहराम मच गया। गुस्साए ग्रामीणों ने लक्ष्मणगढ़-मुंडावर मार्ग को पांच घंटे तक जाम कर दिया। परिजन और ग्रामीण प्रशासन से मृतकों के परिवार के लिए 50-50 लाख रुपये मुआवजे की मांग कर रहे थे। प्रशासन की ओर से मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाइश दी और वार्ता के बाद 10-10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता पर सहमति बनी। इसके बाद जाम खोला गया और हालात सामान्य हुए।

घटना की जानकारी मिलते ही राजस्थान सरकार के वन मंत्री व अलवर शहर विधायक संजय शर्मा भी बिचगांव पहुंचे। उन्होंने मृतकों के परिवार से मुलाकात की और संवेदना व्यक्त की। इसके बाद मंत्री अलवर जिला अस्पताल पहुंचे और वहां भर्ती घायलों का हालचाल जाना। उन्होंने डॉक्टरों को इलाज में कोई कमी न रहने के निर्देश दिए।

हादसे के बाद बीजेपी के कई नेता, स्थानीय जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी भी अस्पताल पहुंचे और स्थिति की जानकारी ली।

हादसे को लेकर प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े हो गए हैं। जब लक्ष्मणगढ़ की तहसीलदार ममता कुमारी से हाईटेंशन लाइन के बारे में पूर्व शिकायत के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस संबंध में कोई पूर्व सूचना नहीं थी। हादसे की जानकारी मिलते ही वह मौके पर पहुंचीं और तत्कालीन राहत व बचाव कार्य शुरू किया गया।

बिचगांव के ग्रामीणों का कहना है कि यह कांवड़ यात्रा पिछले कई वर्षों से निकाली जाती है। हर साल हरिद्वार से कांवड़ लाई जाती है और गांव के मंदिर में चढ़ाई जाती है। इसके बावजूद हाईटेंशन लाइन जैसी खतरनाक व्यवस्था पर कभी ध्यान नहीं दिया गया। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन और बिजली विभाग ने कभी इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

यह हादसा न सिर्फ एक प्रशासनिक चूक का नतीजा है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि धार्मिक आयोजनों को लेकर सुरक्षा के कितने बड़े सवाल अब भी अनुत्तरित हैं। हर साल लाखों श्रद्धालु धार्मिक यात्राओं में शामिल होते हैं, लेकिन सुरक्षा के लिहाज से अब भी बुनियादी ढांचे की भारी कमी है।

अन्य सम्बंधित खबरे