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जोधपुर, राजस्थान, लोकजीवन। चोला मंडलम एमएस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (चोला एमएस) ने अपनी सीएसआर पहल के तहत जोधपुर में इंडियन हेड इंजरी फाउंडेशन (आईएचआईएफ) को एक रिहैबिलिटेशन कम बेसिक लाइफ सेविंग (बीएलएस) एम्बुलेंस दान की है। यह कदम समाज के कमज़ोर वर्गों तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाने की कंपनी की प्रतिबद्धता को और भी मजबूत करता है।
इस एम्बुलेंस का आधिकारिक लॉन्च आईएचआईएफ युवराज शिवराज सिंह न्यूरो रिहैबिलिटेशन एंड फिजियोथेरेपी सेंटर, जोधपुर में किया गया। जरुरी लाइफ-सेविंग और रिहैबिलिटेशन उपकरणों से लैस यह एम्बुलेंस इमरजेंसी रिस्पॉन्स, मरीज के लिए सुरक्षित ट्रांसपोर्ट, न्यूरो-रिहैबिलिटेशन आउटरीच, स्क्रीनिंग और लोगों को जागरूकता कार्यक्रमों में मदद करेगी। इस पहल से जोधपुर जिले के ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में मरीजों को समय पर इलाज मिलने में बड़ी राहत मिलेगी।
उद्घाटन समारोह में जोधपुर के महाराजा गज सिंह जी, इंडियन हेड इंजरी फाउंडेशन के चेयरमैन, मौजूद रहे। उनके साथ चोला एमएस के चीफ कम्प्लायंस ऑफिसर और कंपनी सेक्रेटरी श्री महेंद्र त्रिपाठी, मेडिकल प्रोफेशनल्स, पार्टनर्स और आईएचआईएफ के सदस्य भी शामिल थे।
कार्यक्रम में बोलते हुए महाराजा गज सिंह जी ने चोला एमएस का धन्यवाद् किया और कहा कि ऐसी साझेदारियाँ बहुत जरूरी हैं, जो अस्पतालों की दीवारों से बाहर जाकर लोगों तक मदद पहुँचाती हैं। युवराज शिवराज सिंह जी के रिहैबिलिटेशन सफर को याद करते हुए उन्होंने बताया कि सही समय पर मिली मदद, मेहनत और साथ से कैसे जीवन बदल सकता है। उन्होंने कहा कि यह एम्बुलेंस उन लोगों के लिए उम्मीद की किरण है, जिन्हें समय पर इलाज तक पहुँचने में मुश्किल होती है।
चोला एमएस की ओर से महेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि एम्बुलेंस का दान मुरुगप्पा ग्रुप और कंपनी के सीएसआर फोकस को दर्शाता है, जिसका उद्देश्य जरूरतमंद लोगों तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाना और ऐसी संस्थाओं का साथ देना है, जो समाज के भले के लिए काम करती हैं। उन्होंने कहा कि मेडिकल मदद समय पर मिल जाए, तो कई ज़िंदगियाँ बचाई जा सकती हैं और मरीज जल्दी स्वस्थ हो सकते हैं।
आईएचआईएफ ने बताया कि यह एम्बुलेंस बालेसर, ओसियां, तिनवारी, माथानिया और सलावास जैसे गाँवों तक पहुँचेगी। इसके अलावा सूरसागर, बसनी, सांगरिया और नागौरी गेट जैसे शहर के उन क्षेत्रों तक भी जाएगी, जहाँ इलाज की सुविधाएँ कम हैं। मरीजों को अस्पताल तक पहुँचाने के साथ-साथ आईएचआईएफ लोगों के बीच जागरूकता कार्यक्रम भी चलाएगा, ताकि न्यूरो-रिहैबिलिटेशन के बारे में जानकारी बढ़े और जरूरतमंदों को मुफ्त या कम लागत में इलाज मिल सके।
यह पहल यह स्पष्ट करती है कि चोला एमएस उन क्षेत्रों में जिम्मेदारी के साथ काम कर रहा है, जहाँ वह मौजूद है, ताकि जरूरतमंद लोगों तक जमीनी स्तर पर और असरदार सहायता पहुँच सके।
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