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प्रशांत किशोर का बिहार सरकार पर वार, बोले- शराबबंदी केवल सरकारी फाइलों में लागू है
By Lokjeewan Daily - 17-10-2024

बिहार में शराबबंदी गहन जांच के दायरे में है। जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर इसे महज औपचारिकता बताते हुए कहा कि यह केवल सरकारी दस्तावेजों और राजनीतिक बयानबाजी में मौजूद है। किशोर की टिप्पणी हाल ही में हुई जहरीली शराब त्रासदी के बाद आई है, जिसमें सिवान और सारण में 25 लोगों की जान चली गई है। किशोर ने प्रभावित परिवारों तक पहुंचने में मुख्यमंत्री की निष्क्रियता की ओर इशारा करते हुए उन्होंने टिप्पणी की और कहा, "भ्रष्ट नेता और माफिया पनपते हैं जबकि त्रासदियों पर ध्यान नहीं दिया ,प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं पहला व्यक्ति हूं जो पिछले 3 वर्षों से हर मंच से सार्वजनिक रूप से यह कह रहा हूं कि बिहार में कहीं भी शराबबंदी लागू नहीं है। शराबबंदी सिर्फ सरकारी फाइलों और नेताओं के भाषणों में ही लागू होती है।

उन्होंने कहा कि कल की घटना बहुत दुखद है। डेढ़ साल पहले छपरा में 70 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि बिहार का कोई जिला ऐसा नहीं है जहां जहरीली शराब से लोगों की मौत नहीं हुई हो। कई घटनाओं की तो रिपोर्ट तक नहीं हुई। 

प्रशांत किशोर ने दावा किया कि इससे सिर्फ भ्रष्ट नेताओं और माफियाओं को फायदा हो रहा है। संवेदनहीनता इतनी है कि इतनी मौतों के बाद सरकार के मुखिया नीतीश कुमार सरकार की तरफ से वहां जाएंगे भी नहीं। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला और कहा कि मुख्यमंत्री और उनका किचन कैबिनेट अनैतिक और सिद्धांतहीन राजनीति के प्रणेता बन गए हैं। तेजस्वी ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा कि सत्ता संरक्षण में ज़हरीली शराब के कारण 27 लोगों की हत्या कर दी गयी है। दर्जनों की आँखों की रोशनी चली गयी। बिहार में कथित शराबबंदी है लेकिन सत्ताधारी नेताओं-पुलिस और माफिया के गठजोड़ के कारण हर चौक-चौराहों पर शराब उपलब्ध है।

 

राजद नेता ने आगे कहा कि इतने लोग मारे गए लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक-संवेदना तक व्यक्त नहीं की। जहरीली शराब से, अपराध से प्रतिदिन सैकड़ों बिहारवासी मारे जाते है लेकिन अनैतिक और सिद्धांतहीन राजनीति के पुरोधा मुख्यमंत्री और उनकी किचन कैबिनेट के लिए यह सामान्य बात है। उन्होंने कहा कि कितने भी लोग मारे जाए लेकिन मजाल है किसी वरीय अधिकारी पर कोई कारवाई हो? इसके विपरीत उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा? 

तेजस्वी ने साफ तौर पर कहा कि अगर शराबबंदी के बावजूद हर चौक-चौराहे व नुक्कड़ पर शराब उपलब्ध है तो क्या यह गृह विभाग और मुख्यमंत्री की विफलता नहीं है? क्या मुख्यमंत्री जी होशमंद है? क्या CM ऐसी घटनाओं पर एक्शन लेने व सोचने में सक्षम और समर्थ है? इन हत्याओं का दोषी कौन? अपना हमला जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि समीक्षा बैठक के नाम पर ढोंग होता है। नीतीश की चिंता भी मुझे है। हम सम्मान उनका करते हैं। नीतीश को लेकर उन्होंने दावा किया कि उनको कुछ खिलाया-पिलाया जा रहा है। अब वह बिहार चलाने लायक नहीं रह गए।  

 

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