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सीताराम बावड़ी में 56 सालों से अनवरत रामधूनी कीर्तन
By Lokjeewan Daily - 05-10-2024

भीलवाड़ा लोकजीवन । शहर में  सीतारामजी की बावड़ी स्थित श्रीराम-हनुमान मंदिर ऐसा है जहां 55 साल से हरे राम- हरे राम, राम राम हरे हरे कीर्तन चल रहा है। 15 से 20 साधक कीर्तन करते हैं। कीर्तन 24 घंटे चलते है। साधक तीन-तीन घंटे की शिफ्ट में कीर्तन करते हैं। प्रमुख रूप से सुबह 6 से 9 बजे व शाम 6 से 9 बजे तक वाद्य यंत्रों के साथ कीर्तन होता है। दोपहर में 3 से 4 बजे तक ओम नम: शिवाय का पाठ होता है।  सीताराम सत्संग भवन में 56 साल से अखंड कीर्तन हो रहा है। पहले तीन-तीन लोग बैठकर पाठ करते थे। अब खड़े होकर परिक्रमा के रूप में पाठ होता है। भवन में राम दरबार, पंचमुखी दरबार, रामकृष्ण, रामचरणजी की तस्वीर, गणेशजी, संतोषीमाता गायत्री माता की प्रतिमा है। सीतारामजी की बावड़ी 280 साल पुरानी है। रामस्नेही सम्प्रदाय के संस्थापक रामचरण महाराज ने बावड़ी की गुफा में तपस्या की थी। इसका निर्माण सम्वत 1800 के आस-पास साहूकार मियाचन्द तोषनीवाल ने किया था।
नवरात्र में कीर्तन से मनोकामना पूर्ति
भक्तों ने बताया कि सावन एवं नवरात्रा में बावड़ी के सामने स्थित शिव मंदिर में 24 घंटे ओम नम: शिवाय की गूंज जारी रहती है। भक्त अनवरत यहां ओम नम: शिवाय का कीर्तन करते है। ऐसा करने से उनकी मनोकामना भी पूर्ण होती है और आत्म शांति का अनुभव भी होता है। 

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