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भीलवाड़ा में तैयार भावी डॉक्टरों को अब एमएमयू देगी डिग्री
By Lokjeewan Daily - 05-10-2024

भीलवाड़ा लोकजीवन। आरवीआरएस मेडिकल कॉलेज में नए सत्र 2025-26 में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को मारवाड़ मेडिकल यूनिवर्सिटी (एमएमयू) से डिग्री मिलेगी। दक्षिण और पश्चिम राजस्थान के मेडिकल कॉलेजों से एमबीबीएस करने वाले छात्रों को अब तक राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (आरयूएचएस)  स्नातक डिग्री देता आ रहा था लेकिन सरकार के आदेश के बाद हाल ही में आरयूएचएस के रजिस्ट्रार हरफूल पंकज ने इस बारे में पत्र जारी किया है। इसमें जोधपुर के अलावा पाली, उदयपुर, बांसवाड़ा और बीकानेर संभाग से जुड़े  सभी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों के नाम हैं। उन्होंने बताया कि यहां संचालित शिक्षा संस्थानों की मान्यता और रजिस्ट्रेशन कार्य अब एमएमयू से ही होगा।  रजिस्ट्रार के पत्र में चिकित्सा शिक्षा (ग्रेड-1) विभाग की ओर से 22 अगस्त 2024 को जारी आदेश का भी हवाला है, इसमें संभाग और जिला मुख्यालयों के चिकित्सा एवं दंत चिकित्सा महाविद्यालयों की संबद्धता अब आरयूएचएस से नहीं मिलना लिखा है। वर्तमान सत्र 2024-25 में दाखिला ले चुके एमबीबीएस विद्यार्थियों की परीक्षा से लेकर अन्य गतिविधियों पर नियंत्रण आरयूएचएस का रहेगा। यानी चार सत्रों के बाद ऐसे विद्यार्थियों को डिग्रियां आरयूएचएस से ही मिलेंगी। अब तक आरयूएचएस पर कुल 28 मेडिकल और 17 डेंटल कॉलेजों का भार था। नई व्यवस्था के बाद जोधपुर संभाग के जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर ग्रामीण, फलौदी और बालोतरा, पाली संभाग के पाली, जालोर, सांचोर व सिरोही, उदयपुर संभाग के उदयपुर, चित्तौडग़ढ़ राजसमंद, सलूंबर व भीलवाड़ा, बांसवाड़ा, डिवीजन के बांसवाड़ा, डूंगरपुर व प्रतापगढ़ तथा बीकानेर डिवीजन के बीकानेर, नागौर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ व अनूपगढ़ जिलों की शैक्षणिक व्यवस्थाओं का जिम्मा रहेगा। गौरतलब है कि प्रदेश में वर्तमान में कुल 28 मेडिकल कॉलेजों का संचालन हो रहा है। इसमें संभाग मुख्यालयों वाले 6 राजकीय मेडिकल कॉलेजों के अलावा 22 राजमेस से संचालित कॉलेज हैं।
इनका कहना है।
आरयूएचएस के रजिस्ट्रार की ओर से जारी निर्देशों की पालना को लेकर हम तैयार हैं। हमने नए सत्र को लेकर तैयारियां भी कर ली है। आगामी दिनों में मेडिकल कॉलेज का अकादमिक ऑफिसर जोधपुर जाकर यूनिवर्सिटी के जिम्मेदारों से मुलाकात करेगा। इसके बाद से सभी पत्र व्यवहार सरकारी दिशा-निर्देश के हिसाब से एमएमयू से किए जाएंगे। इसके बाद दाखिला लेने वाले नए बच्चों को नई यूनिवर्सिटी की डिग्रियां मिलेंगी।
डॉ. वर्षासिंह, प्रिंसीपल, आरवीआरएस मेडिकल कॉलेज

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