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त्यौहारी सीजन में बढ़ रही फूड आईटम की मांग, मिलावट से रहें सावधान
By Lokjeewan Daily - 10-10-2024

- दूध, दही, घी, मावा, मिठाई सब में मिलावट
- विभाग ने नहीं की जांच अभियान की शुरूआत
भीलवाड़ा। त्यौहारी सीजन में आप अगर बाजार से फूड आईटम खरीदते है तो आपको सावधान होने की जरूरत है। इस सीजन में बड़ी मात्रा में मिलावटी फूड आईटम धड़ल्ले से बिक रहे। जांच के हाल भी यह है कि रिपोर्ट आने तक  मिलावटी फूड पेट में जा चुका होता है। हालांकि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग अब तक जांच के लिए मैदान में नहीं उतरा है। दरअसल, त्योहारी सीजन नजदीक आते ही शहर में मिलावटखोर भी सक्रिय हो गए  हैं। स्थानीय स्तर पर मिलावटखोरी करने वाले दूध, दही, घी, मावा और मिठाई को ताजा व खुशबूदार बनाने के लिए सिंथेटिक दूध, मैदा, वनस्पति घी, आलू, आरारोट आदि की मिलावट कर रहे हैं। जबकि बड़े मिलावटखोर इसके लिए स्टार्च, सोडा, यूरिया, डिटर्जेंट इस्तेमाल करते हैं। यह सभी हमारी दिनचर्या से जुडी हुई है।
मिलावटी वस्तुओं की ऐसे करे पहचान
दूध: थोड़े से दूध में बराबर मात्रा में पानी मिलाएं। अगर उसमें झाग आएं तो डिटर्जेंट की मिलावट हो सकती है। वहीं, सिंथेटिक दूध की पहचान करने के लिए दूध को हथेलियों के बीच रगड़े। साबुन जैसा लगे तो दूध सिंथेटिक हो सकता है।
देशी घी: मिलावटी घी की पहचान के लिए इसमें कुछ बूंदें आयोडीन साल्यूशन मिलाने से अगर घी का रंगनीला हो जाए तो ये मिलावटी हो सकता है। घी में आलू, शकरकंद, आरारोट और रिफाइंड तेल के मिलावट होने की संभावना रहती हैं।
मावा: मिलावटी मावा के लिए फिल्टर पर आयोडीन की दो से तीन बूंदे डालें। अगर यह काला पड़ जाए तो यह मिलावटी है। अगर दानेदार है तो यह मिलावटी हो सकता है।
मिठाई: रबड़ी, बर्फी, लड्डू, गुलाब जामुन और पिस्ता बर्फी जैसी मिठाइयां बहुत पसंद की जाती हैं। मिठाई के ऊपर चादी का वर्क लगा होता है जिसमें मिलावट की संभावना होती है। साल्यूशन आयोडीन की पाच-छह बूंदें व चीनी के कुछ दाने डालकर गरम करने पर यदि मिठाई का रंग नीला हो जाता है तो मिलावटी है।
खुशियां कही पड़ ना जाए फीकीत्यौहारी सीजन में खुशियों के साथ-साथ खरीददारी भी बढ़ जाती है। इसमें ज्यादा खरीददारी दूध, दही, , मावा और मिठाई की होती है क्योंकि हर घर में मिठाई की मांग बढ़ जाती है। यह मांग बाजार के लिए फायदेमंद है लेकिन, आपके लिए मुसीबत  बन सकती है क्योंकि त्योहारों में मिलावट का कारोबार भी तेजी से बढ़ जाता है। बाजार में फास्ट फूड की डिमांड ज्यादा होने के पर कुछ व्यापारियों के लिए आपूर्ति करा पाना मुश्किल हो जाता है तब ऐसे में मिलावटखोरी के जरिए ही आपूर्ति करने की कोशिश करते हैं। किसी के लिए भी असली-नकली में अंतर करना काफी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में  मिलावट युक्त खाद्य सामग्रियां आपकी सेहत पर विपरीत असर डाल सकती है।  उधर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने अब तक जांच दलों को मैदान में नहीं उतारा है। ऐसा लगता है कि मिलावटी खाद्य सामग्रियां पेट में जाने और लोगों के बीमार पडऩे के बाद विभाग चेतेगा। 

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